भारत वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के देशों में नया केन्द्र बनेगा: धर्मेन्द्र प्रधान

Dharmendra Pradhan is a BJP leader and currently the Union Minister of Petroleum & Natural Gas and Minister of Steel in Government of India.


भारत वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के देशों में नया केन्द्र बनेगा: धर्मेन्द्र प्रधान
नयी दिल्ली। भारत वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के देशों में नया केन्द्र बनेगा। भारत में हम व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य ऊर्जा स्रोतों के स्वस्थ्य मिश्रण के माध्यम से अधिक ऊर्जा और कम कार्बन उत्सर्जन का दोहरा उद्देश्य प्राप्त करने का रास्ता तलाश रहे हैं। केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने केपीएमजी द्वारा बुधवार, 6 नवम्बर 2019 को यहाँ आयोजित वार्षिक ऊर्जा सम्मेलन-'एनरिच 2019' में इस आशय के विचार व्यक्त किए।
धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर ऊर्जा क्षेत्र में काफी तेज बदलाव आ रहा है। भारत का ऊर्जा क्षेत्र भी बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। भारत में हम व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य ऊर्जा स्रोतों के स्वस्थ्य मिश्रण के माध्यम से अधिक ऊर्जा और कम कार्बन उत्सर्जन का दोहरा उद्देश्य प्राप्त करने का रास्ता तलाश रहे हैं। ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने के मामले में भारत पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना रास्ता खुद तय करेगा।
श्री प्रधान ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र का सतत विकास निश्चित रूप से सरकार की उच्च प्राथमिकता है। भारत सहित पूरी दुनिया जब वैश्विक विकास और कल्याणकारी उपायों को आगे बढ़ाने के लिए अधिक प्रभावी उपायों की तलाश कर रही है तो ऐसे समय में ऊर्जा की माँग और आपूर्ति में आशातीत वृद्धि हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में भारत में ऊर्जा किल्लत से निबटने के तरीके विशेष राष्ट्रीय परिस्थितियों पर आधारित होंगे। ऐसा तब और अधिक आवश्यक हो गया है जब भारत में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत वैश्विक स्तर पर प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत का केवल एक तिहाई है। भारती की बढ़ती ऊर्जा जरुरतों का जिक्र करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि देश में ऊर्जा की बड़ी खपत है जो आने वाले दशकों में वैश्विक ऊर्जा माँग को गति देगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पाँच खरब वाली भारतीय अर्थव्यवस्था की परिकल्पना का जिक्र करते हुए श्री प्रधान ने कारोबारी सुगमता और सहज जीवन के लिए अनुकूल माहौल बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश का आर्थिक विकास आधारभूत अवसंरचना क्षेत्र में बड़े निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था और लघु तथा मध्यम उद्योगों में रोजगार सृजन से ही संभव होगा।
आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले पाँच वर्षों के दौरान कारोबार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के वास्ते कई ढांचागत सुधार किए हैं। इनमें दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, कर सुधारों तथा बौद्धिक संपदा सुधार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में भी कारोबार अनूकुल नितियों के माध्यम से बड़ा बदलाव किया गया है।
श्री प्रधान ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति का भी उल्लेख किया जो कृषि-अवशेषों और शहरी कचरों के कचरे से विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन उत्पन्न करने के लिए अपशिष्टों के लाभकारी उपयोग पर लक्षित है। कार्यक्रम में उन्होंने एक नीति पत्र भी जारी किया।
अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। हालांकि, भारत की ऊर्जा क्षेत्र में प्रति व्यक्ति खपत दुनिया के औसत खपत का केवल एक तिहाई ही है।