नयी दिल्ली। भारत के क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी से जुड़ने से हमें खुशी होगी। न्यूजीलैंड के व्यापार और निर्यात वृद्धि मामलों के मंत्री डेमियन ओ कोनोर ने बुधवार, 6 नवम्बर 2019 को उद्योग मंडल सीआईआई के कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि उनका देश भारत को आरसीईपी में देखना पसंद करेगा। भारत के चीन समर्थित वृहत व्यापार समझौता में शामिल नहीं होने के निर्णय के कुछ दिन बाद न्यूजीलैंड ने यह बात कही है।
इस सप्ताह सोमवार, 4 नवम्बर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकाक में कहा था कि भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में शामिल नहीं होगा क्योंकि बातचीत हमारे मसलों और चिंताओं को समाधान करने में विफल रही है।
आरसीईपी के मुख्य वार्ताकार की भी जिम्मेदारी संभाल रहे ओ कोनोर ने कहा, ''हमें भारत के आरसीईपी समझौते में शामिल होने से खुशी होगी। हम घरेलू स्तर की संवेदनशीलता को समझाते हैं और हम सभी 15 देशों ने समझौते पर अंतिम रूप से पहुँचने से पहले भारत के साथ काम करने की प्रतिबद्धता जतायी है।''
भारत ने चीन जैसे देशों के साथ बढ़ते व्यापार घाटा, वस्तुओं के आयात में अचानक से वृद्धि या डंपिंग को रोकने के लिये प्रणाली, शुल्क में कटौती के लिये आधार वर्ष 2014 की जगह 2019 किये जाने जैसे मामलों को लेकर आरसीईपी में कड़ा रुख अपनाया।
हालांकि भारत ने संकेत दिया कि अगर आरसीईपी के सदस्य देश बेहतर पेशकश लाते हैं जिसमें चिंताओं को दूर किया जा सकता है और घरेलू उद्योगों के लिये बेहतर बाजार पहुँच उपलब्ध कराया जाता है, भारत बातचीत के लिये तैयार है।
आरसीईपी दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (आसियान) के 10 सदस्य देश (ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्याँमार, सिंगापुर, थाइलैंड, फिलिपीन, लाओस तथा वियतनाम) तथा उनके 6 मुक्त व्यापार साझेदार देश भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच होने वाला वृहद मुक्त व्यापार समझौता है।
भारत के क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी से जुड़ने से हमें खुशी होगी: न्यूजीलैंड व्यापार मंत्री