बीज विधेयक 2019: अमानक बीज बेचने पर 1 साल जेल, 5 लाख तक जुर्माना

Soyabean Seed
नयी दिल्ली, गुरुवार, 14 नवम्बर 2019। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसानों के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार बीज विधेयक, 2019 प्रस्तुत कर सकती है जिसमें अमानक बीज बेचने पर एक साल की जेल की सजा या 5 लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है।  फिलहाल, न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 5,000 रुपये वसूला जाता है। जुर्माना कम होने से खराब बीजों की बिक्री धड़ल्ले से होती है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार पाँच दशक पुराने बीज अधिनियम 1966 की जगह नया बीज विधेयक, बीज विधेयक 2019 लायेगी नए विधेयक में सरकार सभी बीजों के लिए समान प्रमाणन की व्यवस्था करेगी। बारकोडिंग जरूरी किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने मौजूदा बीज अधिनियम 1966 को बदलकर नया बीज कानून बनाने के उद्देश्य से 10 अध्यायों के इस बीज विधेयक 2019 का मसौदा तैयार किया है और माना जाता है कि संसद के शीतकालीन सत्र में ही इसे संसद में पेश किया जाएगा।
बहरहाल सरकार ने विधेयक के मसौदे पर बहरहाल लोगों से सुझाव माँगा है।  इस विधेयक का उद्देश्य किसानों को बेचे जाने वाले बीज की गुणवत्ता का विनियमन करना और अच्छी गुणवत्ता के बीज का आयात निर्यात करने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण बीजों के उत्पादन और आपूर्ति को सुगम बनाना है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि देश में आमतौर पर किसान अधिकतर फसलों के बीज अपने पास रखते हैं और जो बीज बाजार में बिक रहे हैं उनमें से भी अधिकतर प्रमाणिक नहीं होते हैं।
कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में बिक रहे कई तरह के फसलों के बीज संस्थानों द्वारा प्रमाणित नहीं हैं। खराब व गुणवत्ताहीन बीज को किसान महंगे दाम पर खरीदता है, लेकिन फसल की उपज नहीं होती है। इससे किसान बर्बादी के कगार पर पहुँच जाते हैं।
55 प्रतिशत बीज प्रमाणित नहीं
तमाम किसान फसल में से 30 प्रतिशत हिस्सा बीज के लिए बचाकर रखते हैं और उसे ही बोते हैं। बाजार में बिकने वाले बीज में से 45 प्रतिशत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रमाणित होते हैं जबकि 55 प्रतिशत बीज निजी कंपनियाँ बेचती हैं। इनमें से अधिकांश का प्रमाणन नहीं होता। सरकार इसलिए सख्ती चाहती है।
विधेयक के मसौदे के अध्याय-8 में 'अपराध व सजा' शीर्षक के तहत शामिल प्रावधानों के अनुसार, बीज बेच रहा व्यक्ति किसी बीज की भौतिक शुद्धता, अंकुरण और स्वास्थ तथा ट्रांसजेनिक बीज के ट्रांसजेनिक इवेंट और ट्रेट के मानकों को पूरा नहीं करता है तब उसे 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। पूर्व में यह 5 से 25 हजार रुपये तक था।
यदि कोई बीज की आनुवांशिक शुद्धता, मिसब्रैण्ड, अमानक बीज, अमानक ट्रांसजेनिक प्रजाति की बारे में गलत जानकारी देता है या बिना पंजीकृत कोई बीज बेचता है तो उसे एक साल जेल की सजा हो सकती है या 5 लाख रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है या दोनों भुगतना पड़ सकता है। पूर्व में यह 6 माह और 50 हजार रुपये था।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है और बगैर पंजीयन प्रमाण पत्र के किसी प्रकार का बीज आयात करता है या बेचता है या आपूर्ति करता है या भण्डारण करता है या अधिनियम के तहत गठित समिति, राज्य बीज समिति, पंजीकरण उप समिति, बीज प्रमाणन एजेंसी, बीज गुणवत्ता जाँच अधिकारी या अधिकार प्राप्त अधिकारी या बीज विश्लेषक के कार्य में बाधा डालता है तो 25,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
विधेयक के मसौदे के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति ऐसा बीज बेचता है जिसमें भौतिक शुद्धता, अंकुरण या स्वास्थ्य के मानकों का अनुपालन नहीं होता है और अधिनियम के तहत आवश्यक रिकॉर्ड नहीं रखता है तो उसे 25,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
बीज विधेयक, 2019 के दायरे में किसान को छोड़कर सभी लोग आएंगे। किसान बीज या प्लाटिंग मटेरियल की बुवाई कर सकता है, उगा सकता है, दोबारा बुवाई कर सकता है, बचा सकता है, उपयोग कर सकता है, विनिमय कर सकता है, बाँट सकता है। लेकिन वह अपने बीज को ब्रांड में नहीं बेच सकता है। ऐसा करते ही वह विधेयक की परिधि में आ जायेगा।