20,000 करोड़ रुपये जुटाए, शेष 35,000 करोड़ रुपये माँग और जरूरत के हिसाब से जुटाएंगे: नाबार्ड

Dr. Harsh Kumar Bhanwala Chairman NABARD


नयी दिल्ली। अभी तक हमने 20,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। शेष 35,000 करोड़ रुपये माँग और जरूरत के हिसाब से जुटाए जाएंगे। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष हर्ष कुमार भानवाला ने रविवार, 17 नवम्बर 2019 को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड के पास चालू वित्त वर्ष के शेष बचे महीनों के दौरान बाजार से 35,000 करोड़ रुपये जुटाने की गुंजाइश है। इससे बैंक अपनी कारोबारी योजनाओं को आगे बढ़ा सकेगा और सरकार की विभिन्न कृषि एवं ग्रामीण विकास योजनाओं में सहयोग दे सकेगा। इसमें सरकार की विभिन्न प्रमुख योजाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधन (ईबीआर) कर्ज शामिल है। 
नाबार्ड अध्यक्ष ने कहा कि नाबार्ड सामान्य तौर पर दीर्घावधि के 10 से 15 साल की अवधि के बांड के जरिये कोष जुटाता है। पिछले वित्त वर्ष में नाबार्ड ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों से 56,069 करोड़ रुपये जुटाए थे। इनमें से 33,169 करोड़ रुपये सरकारी योजनाओं के लिए शेष संगठन अपनी वित्त पोषण जरूरतों के लिए जुटाए गए थे।
नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित कुछ सरकारी योजनाओं में स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शामिल हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में नाबार्ड का ऋण पोर्टफोलियो 22 प्रतिशत बढ़कर 4.32 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया। मार्च, 2019 के दौरान बैंक के प्रबंधन के तहत परिसंपतियाँ एक साल पहले की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़कर 4.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गईं।