वेयरहाउसिंग कारोबार पर जीएसटी को लेकर 70 प्रतिशत किरायेदार आशावादी: सर्वेक्षण रपट

Warehouse and distribution center



जीएसटी लागू होने के बाद 2017 से 2019 की पहली छमाही तक औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स वेयरहाउसिंग में 50 करोड़ डॉलर से अधिक के निवेश
80 प्रतिशत लोगों ने माना जीएसटी लागू होने के बाद कर व्यवस्था में सुधार हुए हैं
70 प्रतिशत लोगों ने बताया कारोबार सुगमता में सुधार हुए, ई-वे बिलिंग से भण्डारण और आवागमन प्रक्रिया की कई समस्याएँ दूर हुईं
60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने बताया जीएसटी के बाद वे अंतर्राष्ट्रीय सेवा प्रदाताओं के साथ अच्छी साझेदारी या संयुक्त उपक्रम को प्राथमिकता दे रहे हैं
40 प्रतिशत लोगों ने बताया जीएसटी के बाद वे वेयरहाउस की संख्या को बढ़ाना चाहेंगे
देश में वेयरहाउसिंग स्टॉक 2030 तक 50 करोड़ वर्ग फुट तक बढ़ेगा
नयी दिल्ली। कारोबारी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को इस क्षेत्र के अनुकूल मानते हैं इस क्षेत्र में घरेलू व विदेशी निवेश आकर्षित हो रहा है। रियल एस्टेट कंसल्टिंग कंपनी सीबीआरई साऊथ एशिया प्रायवेट लिमिटेड की वेयरहाउसिंग (भण्डारण सुविधा) कारोबार पर मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 को जारी सर्वेक्षण रपट में यह बातें कही गई हैं।
रपट में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने के बाद 2017 से 2019 की पहली छमाही तक औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स वेयरहाउसिंग में 50 करोड़ डॉलर से अधिक के निवेश किए गए हैं। 'एक देश-एक कर' व्यवस्था के प्रभाव पर इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि प्रौद्योगिकी का उपयोग और नवीन उद्यम नीतियों के कारण इस क्षेत्र में वृद्धि की बढ़ावा मिल रहा है।
सीबीआरआई की विज्ञप्ति के अनुसार इस सर्वेक्षण में शामिल 80 प्रतिशत प्रतिभागियों को लगता है कि जीएसटी लागू होने के बाद कर व्यवस्था में सुधार हुए हैं। इसमें 40 प्रतिशत लोगों ने बताया कि जीएसटी के बाद वे वेयरहाउस की संख्या को बढ़ाना चाहेंगे। इसी तरह 60 प्रतिशत से अधिक ने बताया कि जीएसटी के बाद वे अंतर्राष्ट्रीय सेवा प्रदाताओं के साथ अच्छी साझेदारी या संयुक्त उपक्रम को प्राथमिकता दे रहे हैं।
सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिमी एशिया और अफ्रीका के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुमान मैगजीन ने कहा, ''भारत में लॉजिस्टिक्स उद्यम में परिवर्तनकारी वृद्धि हो रही है। परिचालन में प्रौद्योगिकी का उपयोग नए कारोबारी मॉडल और नीतियाँ, आपूर्ति शृंखला क्षमताओं में सुधार आदि से वेयरहाउसिंग के लिए माँग में बढ़ोतरी हुई है। हमारा अनुमान है कि प्रमुख कम्पनियाँ इस क्षेत्र में आने के लिए उत्सुक है और इस वजह से देश की वेयरहाउसिंग सुविधाओं में 2030 तक 50 करोड़ वर्ग फुट तक बढ़ोतरी होगी।''
सर्वे के अनुसार करीबन 70 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कारोबार सुगमता में सुधार हुए हैं। ई-वे बिलिंग से भण्डारण और आवागमन प्रक्रिया की कई समस्याओं को दूर किया गया है। रपट के अनुसार औद्योगिक एवं लाजिस्टिक्स वेयरहाउसिंग की माँग 2018 की अपेक्षा 10 से 15 प्रतिशत से बढ़ेगी और 2019 में करीबन 2.5 से 3 करोड़ वर्ग फुट जगह पट्टे पर दी जाएगी। बड़ी कंपनियों के इस क्षेत्र में आने से देश में वेयरहाउसिंग स्टॉक 2030 तक 50 करोड़ वर्ग फुट तक बढ़ेगा।