उज्ज्वला योजना से पूर्वोत्तर राज्यों को मिला तीन हजार करोड़ रुपये का निवेश: यू. भट्टाचार्य

Pradhan Mantri Ujjwala Yojna PMUJ
गुवाहाटी। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने गरीब परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने के साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। असम के राज्य स्तरीय समन्वयक (पेट्रोलियम उत्पाद) यू. भट्टाचार्य ने गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019 को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस योजना से पिछले ढाई साल में रोजगार के तीन हजार से अधिक अवसर भी सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के कारण एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 30 अप्रैल 2017 के 48.3 लाख से बढ़कर अक्टूबर 2019 में 94 लाख के पार हो गयी।
यू. भट्टाचार्य ने कहा, ''परिवारों को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने का इस योजना का सामाजिक उद्देश्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा इस योजना ने निवेश, रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती के संदर्भों में भी असर डाला है।'' उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने 149 करोड़ रुपये की लागत से सिलेंडर में गैस भरने के छह संयंत्र लगाये हैं। इसके अलावा कंपनी 290 करोड़ रुपये के अधिक के निवेश से त्रिपुरा के अगरतला और मेघालय के बाड़ापानी में 2020 तक दो नये संयंत्र बना रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने बढ़ी माँग की पूर्ति के लिये असम के बोंगईगाँव परिशोधन संयंत्र की प्रौद्योगिकी को 2,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से उन्नत बनाया है।
यू. भट्टाचार्य ने कहा, ''इंडियन ऑयल के सिलेंडर भरने वालों संयंत्रों में प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिये आने वाले वर्षों में करीब 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। अलग शब्दों में कहें तो उज्ज्वला योजना के कारण आयी अतिरिक्त माँग की पूर्ति के लिये तीन हजार करोड़ रुपये अधिक का निवेश किया जा रहा है।'' उन्होंने रोजगार सृजन के बारे में कहा, ''आज के समय में पूर्वोत्तर राज्यों में एलपीजी कारोबार में 22,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। उज्ज्वला योजना शुरू से पहले ऐसे लोगों की संख्या मई, 2017 में 19,500 थी।''