ठण्डी तासीर वाले प्याज के भाव में चढ़ी है गरमी

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नयी दिल्ली, मुंबई, गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019। बाजार में नई फसल की आवक शुरू होने के बावजूद प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। सिर्फ दो सप्ताह में थोक बाजार में प्याज के दाम दोगुने हो चुके हैं। मुंबई और दिल्ली सहित देश के अधिकतर महानगरों के खुदरा बाजार में प्याज 60 से 70 रुपये किलोग्राम के आसपास बिक रहा है।
केन्द्र सरकार की ओर से प्याज और टमाटर की आपूर्ति और वितरण को लेकर निरन्तर बैठकें करने और सख्ती करने के बाद प्याज के दामों में नरमी की सम्भावना जतलाई जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगाँव में प्याज के दाम फिर से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुँच गए हैं। राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) के आँकड़ों के अनुसार लासलगाँव में प्याज का औसत भाव 3,900 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम भाव 4,201 रुपये प्रति क्विंटल और न्यूनतम भाव 1,200 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया, जबकि महज दो सप्ताह पहले 17 अक्टूबर को यहाँ प्याज का औसत भाव 2,051 रुपये, अधिकतम 2,911 रुपये और न्यूनतम भाव 1,000 रुपये प्रति क्विंटल था। मुंबई में औसत भाव 3,900 रुपये और दिल्ली में औसत भाव 4,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। पिछले महीने प्याज की कीमतों में अचानक तेजी देखने को मिली थी। लासलगाँव में 19 सितंबर को अधिकतम भाव 5,100 रुपये और औसत भाव 4,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच गया था। दाम नियंत्रित करने के लिए सरकार ने निर्यात पर प्रतिबंध के साथ-साथ व्यापारियों के लिए इसकी स्टॉक सीमा भी तय की थी। इसके बाद कीमतों में तेज गिरावट आई। 17 अक्टूबर तक प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिली। 17 अक्टूबर को लासलगाँव में औसत भाव गिरकर 2,051 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच गया था लेकिन इसके बाद कीमतों में तेजी का दौर फिर शुरू हो गया जिसका असर देशभर की मंडियों में देखा जा रहा है।
खुदरा बाजार में कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम का स्तर पार कर चुकी हैं। मुंबई में प्याज 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। हालांकि सरकारी आँकड़ों में यह 60 रुपये से कम ही दिखाया जा रहा है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार मुंबई के खुदरा बाजार में प्याज का भाव 58 रुपये, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 55 रुपये, पटना में 50 रुपये और लखनऊ में 50 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है।
सरकारी आँकड़ों में एक बात और देखने को मिल रही है कि थोक बाजार में प्याज के दाम भले ही कम हुए थे, लेकिन खुदरा बाजार में पिछले दो महीने के दौरान प्याज के दामों में खास गिरावट नहीं हुई है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की मण्डी में मध्यम से बड़े आकार के प्याज का भाव 70 रुपये किलोग्राम रहा जबकि छोटा और गुणवत्ताविहीन प्याज 20 रुपये किलोग्राम की दर से बिका।
प्याज की नई फसल तैयार होने के बावजूद कीमतों में बढ़ोतरी पर कारोबारियों का कहना है कि बीच में जो दाम गिरे थे, वे सरकार के दबाव के कारण गिरे थे क्योंकि महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनावों के लिए मतदान था और उसके दो दिन पहले से ही थोक बाजार में कीमतें बढऩा शुरू हो गईं। सरकार का पूरा ध्यान थोक बाजार पर था इसीलिए खुदरा बाजार में प्याज के दामों में खास गिरावट नहीं दिखाई दी। हालांकि अब कीमतों में अधिक दिन तेजी नहीं रहने वाली है क्योंकि नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। दीवाली के समय मंडियों में छुट्टी और किसानों की व्यस्तता के कारण आवक कमजोर थी जो अब धीरे-धीरे सही होगी।
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मुख्य उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश की वजह से आपूर्ति प्रभावित होने और फसल को नुकसान पहुँचने के कारण प्याज सहित दूसरी सब्जियों के दामों में तेजी आई है। खरीफ की नई फसल की आवक से आगामी दिनों में प्याज की कीमतों में कमी आएगी। अगले दस दिन में स्थिति सुधरेगी और कीमतें कुछ नीचे आएंगी। दिल्ली में प्याज की कीमतें काबू करने के लिए सरकार ने मदर डेरी की सफल दुकानों, सहकारिता नेफेड और एनसीसीएफ के जरिये आपूर्ति बढ़ाई है। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सफल की 400 दुकानों पर प्याज 23.90 रुपये किलो के भाव पर बेचा जा रहा है। सरकार अपने बफर स्टॉक से प्याज उपलब्ध करा रही है।