राजस्थान में ऑनलाइन खरीद व्यवस्था को और अधिक बेहतर एवं पारदर्शी बनाया जायेगा: नरेश पाल गंगवार

Naresh Pal Gangwar, Principal Secretary of Rajsthan of Cooperative, Agriculture and Horticulture monitoring PACS, Bassi on 5 October 2019
किसानों को 7 दिन में होंगे भुगतान के प्रयास
जयपुर। राजस्थान में ऑनलाइन खरीद व्यवस्था को और अधिक बेहतर एवं पारदर्शी बनाया जायेगा। किसानों को 7 दिन में भुगतान को सुनिश्चित करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग नरेश पाल गंगवार ने शनिवार, 5 अक्टूबर 2019 को यह बात कही। वह बस्सी स्थित क्रय विक्रय सहकारी समिति एवं ग्राम सेवा सहकारी समिति के निरीक्षण के दौरान उपस्थित किसानों से उनकी समस्याओं के बारे में बात कर रहे थे। इस दौरान कृषि विपणन बोर्ड के प्रशासक, तारा चंद मीणा, अपेक्स बैंक के प्रबन्ध निदेशक इन्दर सिंह एवं जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबन्ध निदेशक इन्द्र राज मीणा साथ थे।
उन्होंने कहा कि राजफैड द्वारा किसानों से होने वाली ऑनलाइन खरीद की व्यवस्था को और बेहतर एवं पारदर्शी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी उपज बेचने के बाद 7 दिन में भुगतान को सुनिश्चित करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये ऑनलाइन व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राजफैड, खरीद केन्द्र एवं आरएसडब्लूसी के भण्डार गृहों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिये तीनों को समर्थन मूल्य ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से जोड़ा जा रहा है, जिससे गोदाम में माल जमा होते ही राजफैड को तुरन्त वेयरहाउस रसीद प्राप्त हो जाये।
उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिये कृषि एवं सहकारिता विभाग तत्परता से कार्य कर रहे हैं। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर तैयारियाँ की जा रही है। क्रय-विक्रय सहकारी समितियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को खाद एवं बीज के भण्डारण एवं वितरण की व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिये राजफैड के स्तर से खाद का बफर स्टॉक करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बस्सी ग्राम सेवा सहकारी समिति के विजिट के दौरान सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना के पात्र किसानों से बातचीत की। इस मौके पर किसानों ने बताया कि इस व्यवस्था से हमारी बहुत सारी समस्यायें दूर हो गयी हैं तथा सीधा फसली ऋण खाते में जमा हो जाने से आवश्यकता अनुसार उसका उपयोग ले सकते हैं।
श्री गंगवार को प्रबन्ध निदेशक, अपेक्स बैंक इन्दर सिंह ने ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया का लाइव डेमो देकर बताया कि इस नवीन व्यवस्था के तहत स्थानीय विवेकाधिकार पूरी तरह समाप्त हो गया है और किसान के साथ स्थानीय स्तर पर भेदभाव नहीं हो सकेगा एवं उसकी योग्यता के अनुसार फसली ऋण मिल पायेगा। श्री गंगवार ने कहा कि सहकारी ऋण वितरण की यह व्यवस्था निश्चित तौर पर सहकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव है। इससे पहले श्री गंगवार ने दुर्गापुरा कृषि केन्द्र, जयपुर स्थित प्रशिक्षण केन्द्रों का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की।