पिछले पाँच दशकों में कृषि क्षेत्र ने बड़ी छलांग लगाई है: कुलपति श्री ढिल्लों

कोयम्बटूर। भारतीय कृषि ने पिछले पाँच दशकों में एक बड़ी छलांग ली है और देश के आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान किया है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बलदेव सिंह ढिल्लों ने शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019 को यह राय व्यक्त की। 
श्री ढिल्लों ने यहाँ तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के 40वें दीक्षांत समारोह में दिये अपने संबोधन में कहा कि अध्ययनों से संकेत मिलता है कि गैर-कृषि क्षेत्रों में एक प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले कृषि में एक प्रतिशत की वृद्धि गरीबी को कम करने में दो से तीन गुना अधिक प्रभावी होती है।
उन्होंने कहा कि भारत में वर्ष 2018-19 के दौरान 28.34 करोड़ टन खाद्यान्न, 9.86 करोड़ टन फल और 18.59 करोड़ टन सब्जियों की पैदावर हुई। आज हमारा देश गेहूँ, चावल, फल, सब्जियाँ, दूध, अण्डे और मछली जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का एक प्रमुख उत्पादक है। देश खाद्य की कमी वाले देश से उठ कर अधिशेष उपज वाला देश बन गया है और खाद्य वस्तुओं का निर्यात भी कर रहा है।