किसानों से अधिक शुल्क वसूलने पर ई-मित्र केन्द्रों के पंजीयन होंगे निरस्त
पुरानी गिरदावरी या बिना गिरदावरी से पंजीयन नहीं होगा मान्य
पहले दिन 50 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन
जयपुर। फसल खरीदी में लापरवाही करने पर सख्त कार्यवाही होगी। राजस्थान के प्रमुख सचिव, सहकारिता, नरेश पाल गंगवार ने मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 को यह निर्देश शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक के साथ सहकारिता, कृषि एवं राजफैड से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिये।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूँग, उड़द, सोयाबीन एवं मूँगफली की खरीद के दौरान लापरवाही करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि खरीद की गंभीरता समझते हुए गंभीर होकर अपने दायित्वों का निर्वहन करे।
उन्होंने कहा कि किसानों को खरीद के दौरान अव्यवस्था नहीं हो यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि खरीद के लिये पंजीयन की प्रक्रिया 30 अक्टूबर तक चलेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि पंजीयन के लिए किसानों से 25 रुपये से अधिक फीस वसूलने वाले ई-मित्र केन्द्रों के पंजीयन निलंबित एवं निरस्त किये जाये।
प्रमुख शासन सचिव ने निर्देश दिये कि जिले में यह सुनिश्चित किया जाए की बिना गिरदावरी या पुरानी गिरदावरी से किये गये पंजीयन किसी भी स्थिति में मान्य नहीं होंगे और पंजीयन करने वाले किसानों से नहीं खरीद होगी।
डॉ. नीरज के. पवन, पंजीयक, सहकारिता ने कहा कि किसान द्वारा गिरदावरी के पी-35 फार्मेट को ही पंजीयन के लिये मान्य माना गया है। यदि किसी भी जिले में शीघ्र ही पंजीयन पूरा हो गया है तो जिला कलेक्टर अपने स्तर से जाँच कराये। उन्होंने निर्देश दिये की खरीद के दौरान कानून व्यवस्था की पुख्ता व्यवस्था की जाए।
डॉ. पवन ने कहा कि एफएक्यू मानक से ही खरीद सुनिश्चित की जाए यदि समिति द्वारा मानक के तहत खरीद नहीं की जाती है तो इसके लिये समिति जिम्मेदार मानी जाएगी। यदि नेफैड के सर्वेयर के द्वारा खरीद उपज को गलत ढंग से अस्वीकार किया जाता है तो सर्वेयर के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी एवं उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति इस संबंध में जाँच भी करेगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए की खरीद केन्द्रों पर पर्याप्त रोशनी, छाया, पानी एवं तुलाई की व्यवस्था हो।
प्रबंध निदेशक, राजफैड श्रीमती सुषमा अरोड़ा ने कहा कि माँग के अनुसार खरीद केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि समय पर परिवहन के निविदा कर लिए जाए ताकि खरीद होने पर भण्डारण में परेशानी नहीं आए। उन्होंने कहा कि जिन किसानों का बायोमैट्रिक पंजीयन नहीं हो रहा है उन्हें ओटीपी कि सुविधा भी दी जा रही है।
श्रीमती अरोड़ा ने कहा कि प्रक्रिया को ई-वेयर हाउस रिसिप्ट के जरिये और सरल करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि किसानों को शीघ्र भुगतान हो सके। उन्होंने कहा कि पंजीयन के पहले दिन 50 हजार से अधिक किसानों ने समर्थन मूल्य पर उपज बेचान के लिए पंजीयन कराया है।