भोपाल, गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने पहले तो बिना किसी सोच विचार के अनाप-शनाप घोषणाएं कर दीं। अब ये घोषणाएं पूरी करने के लिए जनता का दबाव बढ़ रहा है, तो सरकार प्रदेश की जनता को झांसा देने के लिए केंद्र सरकार को दोष दे रही है, जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदेश के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक रामेश्वर शर्मा ने राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए दिल्ली में धरना देने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रही है। प्रधानमंत्री आवास जैसी जिन योजनाओं का पैसा केंद्र सरकार ने दे रखा है, यह सरकार उस का ही उपयोग नहीं कर पा रही है और योजनाओं का काम रुका पड़ा है। असल बात यह है कि इस सरकार ने बिना किसी ठोस योजना के, अपने बजट से अधिक की घोषणाएं कर दी हैं, जिन्हें पूरा कर पाना सरकार के बस की बात नहीं है। कर्जमाफी की घोषणा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। अब जब जनता का दबाव पड़ रहा है, तो सरकार के मंत्री दिल्ली में धरना देने की बात कहकर घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। लेकिन धरना देने से न तो किसानों की कर्जमाफी होना है और न ही अन्य घोषणाएं पूरी हो सकती हैं।
क्या धरना देने के लिए सरकार बनाई?
श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल किया कि क्या कांग्रेस ने प्रदेश में धरना देने के लिए सरकार बनाई है? उन्होंने कहा कि धरना देने से किसी समस्या का समाधान नहीं होगा और अगर धरना ही देना है, तो फिर सरकार छोड़ दो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री यदि धरना देना चाहते हैं, तो शौक से दें, लेकिन पहले संविधान पढ़ लें, फिर धरना दें। केंद्र द्वारा भेदभाव की बात को सरासर गलत बताते हुए श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ही भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव कर रही है, उन पर झूठे मामले लादे जा रहे हैं, उन्हें फंसाया जा रहा है।
पहले अनाप-शनाप घोषणाएं की, अब दोष दिल्ली पर मढ़ रही कमलनाथ सरकार: रामेश्वर शर्मा