मलेशिया से घटी पाम तेल खरीद

Palm Oil
मुंबई। भारतीय रिफाइनरों ने नवंबर और दिसंबर में मलेशिया से की जाने वाली पाम तेल की खरीद में भारी कटौती कर दी है। उन्हें डर है कि भारत इस देश से आयात करने पर शुल्क बढ़ा सकता है या आयात कम करने के लिए अन्य उपाय अपना सकता है। सोमवार, 14 अक्टूबर 2019 को कुछ कारोबारियों ने यह जानकारी दी। वर्ष 2019 में अब तक मलेशिया के पाम तेल के सबसे बड़े खरीदार भारत द्वारा खरीद कम किए जाने से मलेशिया में बड़ा स्टॉक जमा हो सकता है और मलेशिया के पाम तेल की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। इससे प्रतिस्पर्धी देश इंडोनेशिया को भारत में अपनी खेप बढ़ाने में मदद मिलने की संभावना है।
कश्मीर में भारत की कार्रवाई को लेकर मलेशिया द्वारा आलोचना किए जाने के बाद भारत मलेशिया से पाम तेल समेत कुछ अन्य उत्पादों का आयात सीमित करने पर विचार कर रहा है। भारत सरकार ने मलेशिया से पाम तेल आयात के संबंध में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। भारतीय कारोबारियों ने कहा कि अगर सरकार ने आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट नहीं की तो वह इंडोनेशिया से खरीद करेंगे। 
संबंधित खाद्य तेलों में कमजोरी और भारतीय आयात प्रतिबंध को लेकर संभावित चिंताओं के कारण मलेशिया के पाम तेल के वायदा में सोमवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट आई। सोमवार को मलेशिया का पाम तेल का वायदा गिरावट के साथ बंद हुआ क्योंकि कारोबारी शीर्ष खरीदार भारत द्वारा संभावित आयात प्रतिबंधों को लेकर डरे हुए हैं और संबंधित खाद्य तेलों में नरमी पर नजर रखे हुए हैं। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर दिसंबर डिलिवरी के लिए बेंचमार्क पाम तेल का अनुबंध 1.3 प्रतिशत गिरावट के साथ 2,156 रिंगिट (515.05 डॉलर) पर बंद हुआ जो 4 अक्टूबर के बाद से सबसे कम स्तर है।
मुंबई के वनस्पति तेल आयातक ने कहा कि दोनों तरफ के कारोबारी दुविधा में हैं। वे नहीं जानते कि अपनी खेपों के लिए क्या योजना बनाएं। उन्होंने कहा कि सतर्कता की वजह से खरीदार अधिक शुल्कों के किसी भी संभावित प्रभाव से बचने के लिए इंडोनेशिया की खेपों को पसंद कर रहे हैं। भारत के कुल खाद्य तेल आयात में पाम तेल का योगदान लगभग दो-तिहाई रहता है। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से वार्षिक 90 लाख टन से अधिक पाम तेल खरीदता है।
मलेशिया के पाम तेल बोर्ड के आँकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 के पहले नौ महीने में भारत ने मलेशिया से 39 लाख टन पाम तेल खरीदा। इसका मासिक आयात करीब 4,33,000 टन रहा। मुंबई स्थित अन्य व्यापारिक कंपनी के कारोबारी ने कहा कि अक्टूबर के अधिकांश आयात अनुबंधों पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। नवंबर से आयात में गिरावट आएगी क्योंकि कारोबारी मलेशिया के विक्रेताओं के साथ नए अनुबंध करने से कतरा रहे हैं। एक कारोबारी ने कहा कि सामान्य रूप में मलेशिया ने भारत के परिष्कृत पाम तेल की खेपों के बड़े भाग पर अपना एकाधिकार कायम किया हुआ है, जबकि इंडोनेशिया में कच्चे पाम तेल की आपूर्ति हावी रही है। कारोबारी ने कहा कि इंडोनेशिया आम तौर पर मलेशिया को कम दामों पर पाम तेल बेचता है लेकिन अगर पूरे भारत की पाम तेल खरीद का रुख इंडोनेशिया की ओर हो जाता है तो इसमें कमी आ सकती है या यह खत्म हो सकता है।