कृषि उपकरण का कुल वैश्विक बाजार लगभग 160 बिलियन डॉलर का, जिसमें फार्म मशीनरी का बाजार 100 बिलियन डॉलर का और ट्रैक्टर्स का बाजार 60 बिलियन डॉलर का
देश में 30 से 50 एचपी वाले ट्रैक्टर्स की माँग 80 प्रतिशत से अधिक
30 एचपी से कम वाली श्रेणी में ट्रैक्टर्स की माँग बढ़ रही है
महिन्द्रा एफईएस की उपलब्धियाँ एक नजर में
कुल 3,30,436 ट्रैक्टर्स की बिक्री रही वित्तीय वर्ष 2018-19 में
8 देशों भारत, अमेरिका, ब्राजील, फिनलैंड, तुर्की, अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया और जापान में विनिर्माण और सीकेडी असेम्बली
मृदा व खेत तैयार करने वाले उपकरणों की वैश्विक शृंखला के लिए तुर्की स्थित हिसारलार में 75.1 प्रतिशत हिस्सेदारी
कंबाइन हार्वेस्टर्स निर्माण के लिए फिनलैंड स्थित सैम्पो रोजेनल्यू में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी
राइस वैल्यू चेन मशीनरी निर्माण के लिए जापान स्थित मित्सुबिसी एग्री मशीनरी में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी
स्विस कंपनी गमायामें 11.25 प्रतिशत हिस्सेदारी की हिस्सेदारी
अगली पीढ़ी के ट्रैक्टर प्लेटफॉर्म पर नोवायो, युवो और जिवो जैसे नये उत्पाद प्रस्तुत
मुंबई। महिन्द्रा ट्रैक्टर्स का निर्माण करने वाली कंपनी महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईएस) ने विगत वर्षों में अपनी पहचान को ट्रैक्टर निर्माण से कहीं अधिक आगे बढ़ाया है। आधुनिक तकनीक वाले और उच्चस्तरीय प्रौद्योगिकी से सुसज्जित कृषि यंत्रों के निर्माण के लिये एमएण्डएम एफईसी ने विश्व की बड़ी कंपनियों के साथ तकनीकी गठबंधन किया है। भविष्य की कृषि में संभावनाओं को तलाशने के लिए महिन्द्रा ने एग्री स्टार्टअप्स स्विस कंपनी गमाया का आंशिक अधिग्रहण कर कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम मेधा) जैसी तकनीक पर काम करना प्रारंभ कर दिया है। न्यू इण्डिया की तर्ज पर एमएण्डएम एफईसी भविष्य में एक नये रूप में अवतरित होगा। इन्हीं सारी बातों को लेकर महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईएस) के अध्यक्ष राजेश जेजुरीकर से हुई चर्चा के संपादित अंश यहाँ प्रस्तुत हैं।
प्रश्न: राजस्व और रणनीतिक महत्व की दृष्टि से महिंद्रा समूह के भीतर फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईएस) कितना महत्व रखता है?
उत्तर: फार्म इक्विपमेंट सेक्टर (एफईसी), महिंद्रा समूह का अभिन्न हिस्सा है। एफईएस में, हमारा उद्देश्य दुनिया भर के किसानों के लिए नई-नई तकनीकें उपलब्ध कराना है, जिससे वे कृषि क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से उन्नति कर सकें। प्रौद्योगिकी (टेक्नालॉजी) और नवोन्मेषी (इनोवेशन) से किसानों की समृद्धि, यही हमारा प्रतिबद्धता है।
40 से अधिक देशों में मौजूदगी वाला, महिंद्रा बिक्री की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा फार्म ट्रैक्टर निर्माता है और तीन दशकों से भी अधिक समय से भारत का प्रमुख ट्रैक्टर निर्माता है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 30 लाख से अधिक ट्रैक्टर्स (आरंभ के बाद) का निर्माण कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। वर्ष के दौरान, एफईएस ने घरेलू और निर्यात दोनों ही बाजारों में 3,30,436 ट्रैक्टर्स की बिक्री की, जिससे महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के कुल राजस्व में लगभग 3.2 बिलियन डॉलर या लगभग 22,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
एफईएस का ट्रैक्टर पोर्टफोलियो मजबूत है और यह इसके अलावा तकनीकी कौशल का निर्माण कर रहा है। कंपनी कृषि यंत्रों की शृंखला लाने हेतु कार्य कर रही है, जिसके पीछे यह सोच है कि दुनिया भर के बड़ी जोत वाले किसानों के लिये उपयोग में लाई जा रही तकनीक, छोटी जोत वाले किसानों के लिए भी किफायती दरों पर उपलब्ध हो। पिछले कुछ वर्षों में कृषि क्षेत्र के स्टार्टअप्स के साथ गठबंधन एवं उनका अधिग्रहण इस दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है।
प्रश्न: महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा (एमएंडएम) द्वारा फार्मिंग 3.0 शुरू किये जाने के बाद से लगभग दो वर्ष बीत चुके हैं। उसके बाद से इसका किस तरह से विकास हुआ है और किसानों की बेहतर तरीके से मदद करने में आपको इससे किस तरह मदद मिली है?
उत्तर: वर्तमान में हम 20-30 वर्षों बाद खाद्यान्न की वैश्विक माँग पर विचार करते हैं, तो हमें महसूस होता है कि खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत तक की वृद्धि करने की आवश्यकता होगी। कृषि योग्य अधिकांश भूमि का पहले से ही कृषि कार्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है, जिससे बाकी बची कृषि योग्य जमीन अब काफी सीमित है। इसलिए, उत्पादकता ऐसी होनी चाहिए कि लोगों की आवश्यकताएँ पूरी हो सकें। हमारा मानना है कि हमें उस उत्पादकता को संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उत्पादकता की यह नई लहर डेटा, विश्लेषण एवं डिजिटाइजेशन से जुड़ी आधुनिक तकनीकों के जरिए आयेगी।
जब हमने फार्मिंग 3.0 के बारे में सोचना शुरू किया, तो हम ऐसी रणनीति बना रहे थे जिससे न केवल ट्रैक्टर्स एवं कृषि यंत्रों की बिक्री हो, बल्कि ऐसे समाधानों की भी बिक्री हो, जिससे हमारे ग्राहकों को परिणाम हासिल करने में मदद मिले। यह एक निर्माता कंपनी के रूप में हमारे कारोबार को ऐसी स्थिति में ले जाने के लिए है, जिससे ग्राहकों को उपज एवं उत्पादन में वृद्धि के जरिए परिणाम हासिल करने में मदद मिले।
फार्मिंग 3.0 में ऐसी कई प्रक्रियाएँ हैं जिनसे यह पता चलेगा कि हम तकनीक का उपयोग कैसे कर सकेंगे। यह छोटे भूमिहर किसानों के लिए तकनीक को किफायती रूप से उपलब्ध कराने की दृष्टि से आया है।
हमारी फार्मिंग 3.0 की रणनीति के अनुसार, हमने हाल ही में रेसॅन एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन ऑफ कनाडा और उसके बाद अधिक हाल ही में स्विट्जरलैंड स्थित कृषि प्रौद्योगिकी कंपनी, गमाया एसए जैसे स्टार्टअप्स में निवेश किया है। दोनों ही स्टार्टअप्स से हमें तकनीकी समाधानों का विकास कर कंपनी के कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे कृषि के तरीके में बदलाव आएगा।
प्रश्न: निर्यात की क्या स्थिति है?
उत्तर: महिंद्रा एफईएस के कुल राजस्व में वैश्विक फार्म मशीनरी का लगभग 30 प्रतिशत तक योगदान है। हम अपने अनुषंगियों के जरिए उत्तरी अमेरिका, ब्राजील, मेक्सिको, फिनलैंड, तुर्की और जापान में मौजूद हैं।
आगे, हम हमारे उत्पादों के लिए नये-नये बाजारों की तलाश करेंगे और मौजूदा बाजारों में अपनी मौजूदगी मजबूत बनायेंगे; नये उत्पाद लायेंगे, उत्पादों को अपग्रेड करेंगे और अपनी बिक्री व सेवा का नेटवर्क बनायेंगे।
प्रश्न: हाल के समय में महिंद्रा और भारत के समग्र उद्योग के लिए किन ट्रैक्टर्स की अधिक बिक्री हो रही है- कम या अधिक हॉर्सपावर वाले? क्या आपको लगता है कि यह ट्रेंड चलता रहेगा?
उत्तर: ट्रैक्टर्स की बिक्री में 30 से 50 एचपी (हॉर्स पॉवर) वाले ट्रैक्टर्स की माँग 80 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, 30 एचपी से कम वाली श्रेणी में ट्रैक्टर्स की माँग बढ़ी है, जिसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जैसे उद्यानिकी आधारित कृषि जैसी उत्कृष्ट तकनीकें, जो लोकप्रिय हो रही हैं।
भारत में उद्यानिकी उत्पादन अब खाद्यान्न उत्पादन से अधिक बढ़ गया है। इसके चलते आकर्षक यंत्रीकरण अवसरों का सृजन हुआ है। हमारी नया ट्रैक्टर जीवो 30 एचपी से कम वाले श्रेणी का ट्रैक्टर है, जिससे इस श्रेणी में वृद्धि संभव हो रही है।
प्रश्न: पिछले कुछ वर्षों में, महिंद्रा ने जापान (मित्सुबिशी एग्रीकल्चर मशीनरी), फिनलैंड (सैम्पो रोजेनल्यू) और तुर्की (हिसारलर) में कुछ महत्वपूर्ण अधिग्रहण भी किये है। महिंद्रा एफईएस की फार्म मशीनरी भूमिका के बारे में कुछ बताएँ और यह बतायें किस तरह से इन अधिग्रहणों से एफईएस को मदद मिली है?
उत्तर: कृषि उपकरण का कुल वैश्विक बाजार लगभग 160 बिलियन डॉलर का है, जिसमें कृषि यंत्रों (फार्म मशीनरी) का बाजार 100 बिलियन डॉलर तक का है और ट्रैक्टर्स का बाजार 60 बिलियन डॉलर तक का है। हमारे पास फार्म मशीनरी के क्षेत्र में बड़ा अवसर है और भारत अभी भी एक छोटा बाजार है जहाँ अपार संभावनाएँ मौजूद हैं।
महिंद्रा में, हमारे पास हमारे फार्म मशीनरी पोर्टफोलियो के तहत उत्पादों व समाधानों की संपूर्ण शृंखला है। यह पिछले दो वर्षों में हमारे द्वारा किये गये अधिग्रहणों के जरिए तीन वैश्विक उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना पर आधारित है। ये तीन उत्कृष्टता केंद्र हैं:-
कंबाइन हार्वेस्टर्स निर्माण के लिए- फिनलैंड स्थित सैम्पो रोजेनल्यू जिसमें महिन्द्रा की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
राइस वैल्यू चेन मशीनरी निर्माण के लिए- जापान स्थित मित्सुबिसी एग्री मशीनरी, जिसमें महिन्द्रा की 33 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
मृदा व खेत तैयार करने वाले उपकरणों की वैश्विक शृंखला के लिए तुर्की स्थित हिसारलार, जिसमें महिन्द्रा की 75.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
प्रश्न: महिंद्रा एंड महिंद्रा ने गमाया नामक स्विस कंपनी में 11.25 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया, जो कृषि पर केन्द्रित है। इस अधिग्रहण का किस रूप में उपयोग करने की आपकी योजना है?
उत्तर: कृषि में तेजी से प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है। महिंद्रा भविष्य में तैयार प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रहा है ताकि वैश्विक कृषि समुदाय को पूर्ण समाधान प्रदान किया जा सके।
गामाया का हमारा नवीनतम अधिग्रहण, हमें अगली पीढ़ी की कृषि क्षमताओं को विकसित करने और सुसज्जित करने में सक्षम करेगा, जैसे कि सटीक कृषि और डिजिटल खेती प्रौद्योगिकियाँ, जो हमें हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजरी एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम मेधा) और मशीन लॄनग तक पहुँच प्रदान करती हैं, जो इस पर उपयोगी जानकारी को कैप्चर और इंटरप्रिट करती है। किसानों के लिए फसलों की स्थिति। इस साझेदारी के साथ, हम खेती और उससे संबंधित सेवाओं में नए मानदंड स्थापित करने की उम्मीद करते हैं।
प्रश्न: एफईएस के संपूर्ण प्रोडक्ट पोर्टफोलियो से अभी आप कितने खुश हैं और अगले तीन वर्षों में आप इसके विकास को किस रूप में देखते हैं?
उत्तर: एफईएस में, हमारे पास उद्योग में सबसे व्यापक ट्रैक्टर पोर्टफोलियो में से एक है। हमने महिन्द्रा के अगली पीढ़ी के ट्रैक्टर प्लेटफॉर्म पर नोवायो, युवो और जिवो जैसे नये उत्पाद प्रस्तुत किए हैं। हमने स्वराज की ओर से भी नए उत्पाद प्रस्तुत किए हैं।
एक मजबूत ट्रैक्टर पोर्टफोलियो के अलावा, अब हमारे पास फार्म मशीनरी समाधानों की एक पूरी शृंखला है। जैसे-जैसे भारतीय उपभोक्ता विकसित हो रहा है और जैसे-जैसे हम अपने ट्रैक्टर कारोबार को बढ़ा रहे हैं, वैसे-वैसे कृषि उपकरणों और विभिन्न कृषि यंत्रों की अधिक आवश्यकता है। बागवानी में यंत्रीकरण का विकास एक बड़ा क्षेत्र है। हमारा मानना है कि यह हमारे लिए घरेलू बाजार में लाभ उठाने का एक अवसर है।
प्रश्न: एफईएस के संपूर्ण उत्पादन के बारे में हमें बताएँ। निर्माण स्तर पर स्मार्ट बनने के लिए आप उन्नत तकनीकों का किस तरह से उपयोग कर रहे हैं?
उत्तर: एफईएस की 8 देशों- भारत, अमेरिका, ब्राजील, फिनलैंड, तुर्की, अल्जीरिया, ऑस्ट्रेलिया और जापान में विनिर्माण और सीकेडी असेम्बली हैं।
भारत में महिंद्रा (एफईएस) के निर्माण संयंत्र कांदीवली (मुंबई), नागपुर, रूद्रपुर, जयपुर, जहीराबाद और मोहाली (स्वराज) में स्थित हैं।
महिंद्रा में, हमने लगभग दो साल पहले विनिर्माण के लिए एक डिजिटल परिवर्तन यात्रा शुरू की है। विनिर्माण मूल्य शृंखला (आपूर्ति शृंखला और विनिर्माण प्रक्रियाएं) डिजीटल की गई हैं।