दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश भोपाल संभाग का भी उल्लेखनीय योगदान
भोपाल। मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है। इसमें भोपाल संभाग से हो रहे दुग्ध संग्रहण की अहम भूमिका है। भोपाल संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने बुधवार, 30 अक्टूबर 2019 को यहाँ यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश का दुग्ध उत्पादन 435 लाख लीटर प्रतिदिन का रहा है। वर्ष 2018-19 में भोपाल संभाग के अंतर्गत जिलों में से सीहोर में दुग्ध उत्पादन 468.46 मीट्रिक टन, राजगढ़ में 450.62 मीट्रिक टन, विदिशा 350.64 में मीट्रिक टन, भोपाल में 298.14 मीट्रिक टन और रायसेन में 269.19 मीट्रिक टन रहा है। भोपाल संभाग में दुग्ध उत्पादन में हुई वृद्धि उल्लेखनीय है।
उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन में जहाँ राज्य सरकार ने बेहतर प्रबंधन किये हैं वहीं अब तकनीक के माध्यम से दुधारू पशुओं के लिये गौ शालाओं का निर्माण भी कराया गया है। इससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। मध्यप्रदेश देश में दुग्ध उत्पादन के मामले में और अधिक बढ़ोतरी कर रहा है।
कल्पना श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में वृद्धि दर बढ़कर 6.91 प्रतिशत है। वर्ष 2018-19 में जहाँ देश में दुग्ध उत्पादन की वार्षिक वृद्धि दर 6.25 प्रतिशत थी, वहीं मध्यप्रदेश की वृद्धि दर 8.12 प्रतिशत रही। राज्य सरकार के नवाचारों और अथक प्रयासों से मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रसर है। वर्ष 2018-19 में प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्धता 535 ग्राम प्रतिदिन थी, जो देश में औसत 390 ग्राम एवं भारतीय अनुसंधान परिसर की अनुशंसा में 280 ग्राम प्रतिदिन से अधिक रही है। प्रदेश में गौवंश की देखरेख के लिए राज्य शासन ने प्रत्येक जिलों में गौशाला निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है, जिससे आने वाले समय में दुधारू पशुओं से दुग्ध उत्पादन और पशुपालन में नए आयाम देखने को मिले।
संभागायुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने कहा है कि वर्तमान परिदृश्य में संभाग में और अधिक दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जायेगा साथ ही प्रत्येक जिले में गौशाला निर्माण से दुधारू पशुओं को आश्रय मिल सकेगा। जिससे आने वाले समय में भोपाल संभाग में और अधिक दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जा सकेगा।
मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है: कल्पना श्रीवास्तव