नासिक, मंगलवार, 8 अक्टूबर 2019। महाराष्ट्र के नासिक जिले में किसानों के छिटपुट विरोध ने मंडियों की प्याज आपूर्ति बाधित कर दी है। इससे प्याज के दाम वापस दो हफ्ते के शीर्ष स्तर तक पहुँच गए हैं। अचानक हुई इस दाम वृद्धि ने दामों पर लगाम लगाने के सरकार के उपायों को बेअसर कर दिया है। हाजिर प्याज की बिक्री करने वाली एशिया की सबसे बड़ी बेंचमार्क लासलगाँव मंडी में प्याज के दाम सोमवार को 37 प्रतिशत या 10 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़कर 37.29 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए। दशहरे के अवसर पर लासलगाँव मंडी में अवकाश होने के कारण मंगलवार के भाव उपलब्ध नहीं थे।
सोमवार को लासलगाँव मंडी में प्याज की आवक लुढ़ककर 137 टन हो गई जो कैलेंडर वर्ष 2019 में सबसे कम है। हालांकि इस साल 10 जनवरी को बाजार में अवकाश होने और पिछले दिन से परिवहन की स्थिति खराब होने के कारण प्याज की आवक महज 73 टन दर्ज की गई थी।
लासलगाँव कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के अध्यक्ष जयदत्ता सीताराम होल्कर ने कहा कि आपूर्ति की स्थिति अब पूरी तरह से अलग है। पिछले कटाई सत्र से किसानों के पास बहुत कम मात्रा में प्याज बचा है। मॉनसून सत्र के अंत में रह-रहकर होने वाली बारिश के साथ खेतों में अत्यधिक बारिश के परिणामस्वरूप फसल को बहुत नुकसान हुआ है। साथ ही मंडी में पहुँचे प्याज की गुणवत्ता भी बहुत खराब है। इसलिए प्याज के दामों में इजाफा हो रहा है। वर्तमान स्तर से इसकी कीमतों में आगे और बढ़ोतरी होने की संभावना बहुत कम है।
जनवरी में 3-4 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर से प्याज के दाम लगातार बढ़ते हुए अप्रैल के अंत में 7-9 रुपये हो गए। मई में एक बार फिर प्याज के दाम बढऩे शुरू हो गए और जुलाई तक 12.5 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गए। मॉनसून की बारिश में तीन सप्ताह की देर होने के कारण बीज बुआई में देरी हुई और इसी के अनुपात में पौधों की रोपाई में देरी हुई। इस वजह से प्याज के दाम बढ़ते हुए लासलगाँव मंडी में 45 रुपये प्रति किलोग्राम और देश भर के खुदरा बाजारों में 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए।
प्याज की कीमतों में इस तेज वृद्धि के कारण सरकार ने 15 सितंबर को प्रति टन 850 डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) शुल्क लगा दिया था। साथ ही प्याज निर्यात पर रोक और इसकी स्टॉक सीमा भी निर्धारित कर दी गई। थोक और खुदरा विक्रेताओं के लिए सरकार ने स्टॉक रखने की सीमा क्रमश: 50 टन और 10 टन कर दी।
सांसद राजू शेट्टी की अध्यक्षता वाले स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के स्थानीय नेता हंसराज वाडघुले ने कहा कि कई छोटे किसानों के समूह प्याज स्टॉक रखने की सीमा और इसके निर्यात पर प्रतिबंध का विरोध शुरू करने के लिए एकजुट हो गए हैं। हम भी इसका समर्थन कर रहे हैं। हम सरकार से स्टॉक रखने की सीमा हटाने और निर्यात प्रतिबंध वापस लेने की माँग कर रहे हैं। हालांकि विरोध प्रदर्शन छितराया हुआ है लेकिन हम प्रभावी विरोध के लिए उन्हें एक साथ लाने के लिए काम कर रहे हैं। श्री होल्कर ने कहा कि मंडियों में इस कम आवक का जिम्मेदार शीत केंद्र में पिछले साल की कम मात्रा के स्टॉक को माना जा सकता है।