इन्दौर। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर ध्यान देना होगा। मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभांशु कमल ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित इंदौर संभाग की कृषि उत्पादन संबंधी बैठक में गुरुवार, 24 अक्टूबर 2019 को यह विचार व्यक्त किया।
प्रभांशु कमल ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किसानों को फल, सब्जी, मसाला और फूलों की खेती सहित नगदी फसलों पर विशेष जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि कपास, मूँगफली, गन्ना, मिर्च, केला, पपीता, आम, सुरजना की फली आदि की खेती पर विशेष जोर देने की जरूरत है।
प्रभांशु कमल ने गत खरीफ के दौरान इंदौर संभाग के कुल क्षेत्रफल, उसमें बोई गई फसल, उत्पादन और उत्पादकता आदि की जिलेवार समीक्षा की। इसी तरह उन्होंने इस वर्ष के रबी मौसम के कुल क्षेत्रफल, बोनी के लक्ष्य, बीज-खाद एवं कीटनाशक दवाईयों की माँग, उपलब्धता, वितरण आदि व्यवस्थाओं की जिलेवार समीक्षा की।
उन्होंने निर्देश दिये कि संभाग में किसानों को उनकी माँग के अनुसार समय पर खाद-बीज सहित अन्य कृषि आदान पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराये जाये। बीजों की उपलब्धता, सहकारिता और शासकीय क्षेत्र की संस्थाओं के माध्यम से अधिक से अधिक की जाये। खाद की माँग का वास्तविक आंकलन कर भण्डारण सुनिश्चित कर किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाये। संभाग में खरीफ के दौरान फसलों की विविधता पर विशेष ध्यान दिया जाये। अंतरवर्तीय फसलों को प्रोत्साहित किया जाये। मौसम की अनुकूलता एवं मिट्टी की उर्वरकता को देखते हुए फसलों का चयन कर बुआई कराई जाये। कीट व्याधियों का समय पर निदान कर उसका उपचार कराया जाये। कृषि यंत्रों का अनुदान समय पर वितरित हो यह ध्यान रखा जाये।
प्रभांशु कमल ने कहा कि मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 के निवेश सम्मेलन में 25 प्रतिशत उद्योगपतियों ने इंदौर संभाग में खाद्य प्रसंकरण उद्योग लगाने पर सहमति व्यक्त की है। बढ़ती आबादी और गिरते भू-जल स्तर को देखते हुये राज्य और केन्द्र सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर का उपयोग करने पर जोर दे रही है। ड्रिप और स्प्रिंकलर के व्यापक प्रसार-प्रसार के लिये हर साल हर जिले में संगोष्ठी आयोजित की जाये। इंदौर संभाग के हर जिले में इंदौर को छोड़कर शेष जिलों में कम से कम पाँच-पाँच शीतगृह खोले जाये, जिससे किसानों को फल और सब्जी आलू तथा प्याज संरक्षण करने में मदद मिलेगी।
बैठक में बताया गया कि संभाग में जारी वर्ष के मानसून सत्र में 1 जून से लेकर 30 सितंबर तक 1239.14 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई है। यह गत वर्ष इस अवधि में दर्ज वर्षा कि तुलना में 491.41 तथा सामान्य से 410.64 मिलीमीटर अधिक है। संभाग में गत वर्ष इस अवधि में 747.73 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई थी। संभाग की सामान्य वर्षा 828.50 मिलीमीटर है।
इंदौर संभाग में इस वर्ष रबी का क्षेत्रफल बढ़ेगा: आकाश त्रिपाठी
बैठक में इंदौर संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में हुई अधिक वर्षा को देखते हुए संभाग में रबी सत्र 2019-20 के दौरान गेहूँ तथा अन्य रबी फसलों का क्षेत्रफल बढ़ाया जायेगा। संभाग में गत वर्ष 2018-19 में रबी के दौरान 14 लाख से अधिक क्षेत्रफल में बुआई हुई थी। इस वर्ष रबी में 15 लाख 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोनी का लक्ष्य रखा गया है। संभाग में इस वर्ष गेहूँ के क्षेत्रफल में 21.54 प्रतिशत गेहूँ का रकबा बढ़ेगा साथ ही चने को छोड़कर अन्य रबी फसलों का क्षेत्रफल भी बढ़ाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अंतरवर्तीय तथा फसलों की विविधता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा, जैविक खेती तथा उद्यानिकी की फसलों को भी प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने इंदौर संभाग में चल रहे कृषि कार्यों की जानकारी दी। संभाग में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये अनेक नवाचार किये जा रहे है। इसके साथ ही संभाग में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज सहित अन्य कृषि आदानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये सघन जाँच अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत बीज, खाद एवं कीटनाशक औषधीयों के 3 हजार 312 नमूने लिये गये। इनमें से 144 नमूने अमानक पाये गये। फलस्वरूप 114 पंजीयन निरस्त किये गये, 11 प्रतिष्ठानों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई तथा 6 प्रतिष्ठानों के पंजीयन निलंबित किये गये। इस तरह का अभियान रबी मौसम में भी चलाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इंदौर संभाग में रबी के दौरान किसानों को उनकी माँग के अनुसार समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद, बीज सहित अन्य कृषि आदानों उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिये जिला स्तर पर सक्षम कार्य योजना बनाकर उसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जायेगा।
बैठक में किसानों के ऋण वितरण, जय किसान ऋण माफी योजना आदि की भी समीक्षा की गई। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरों ने अपने-अपने जिलों में कम लागत में अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त करने के लिये किये जा रहें नवाचारों की जानकारी दी।
बैठक में आयुक्त सहकारिता एम.के. अग्रवाल, मार्कफेड की प्रबंध संचालक श्रीमती स्वाति मीना, संचालक कृषि मुकेश शुक्ला, आयुक्त उद्यानिकी एम. कालीदुरई, प्रबंध संचालक बीज निगम श्रीमती सूफिया फारूखी, संचालक कृषि अभियांत्रिकी राजीव चौधरी, संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, प्रबंध संचालक एम.पी. एग्रो आलोक सिंह सहित इंदौर संभाग के सभी कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मौजूद थे।
खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किसानों को उद्यानिकी फसलों की ओर ध्यान देना होगा: कृषि उत्पादन आयुक्त