भोजन में प्रोटीन और अन्य पोषकतत्वों को बढ़ाना समय की जरूरत
बदलते मौसम के अनुकूल विभिन्न फसलों की उपयुक्त व उन्नत प्रजाति विकसित करें
पानी को संरक्षित कर उसका उपयोग करें
कानपुर। खेती की ऐसी तकनीक विकसित करें जिससे प्राकृतिक साधन सुरक्षित रहें। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार, 9 अक्टूबर 2019 को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में अध्यक्षीय आसंदी से इस आशय के विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मिट्टी की घटती उर्वरता, कीटनाशक के अंधाधुंध प्रयोग से खाने की गुणवत्ता खराब हो रही है। खेती की ऐसी तकनीक विकसित करने की जरूरत है जिसमें प्राकृतिक साधनों को बनाए रखा जाए और गुणवत्तापरक उत्पादन लिया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि भोजन में प्रोटीन और अन्य पोषकतत्वों को बढ़ाना समय की जरूरत है। उन्होंने खान-पान से स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के लिए आने वाले समय में जलवायु परिर्वतन बड़ी चुनौती है। किसानों की आय कैसे बढ़े? टिकाऊ कृषि कैसे हो। इस पर चिंता करने की जरूरत है। बदलते मौसम के अनुकूल विभिन्न फसलों की उपयुक्त व उन्नत प्रजाति विकसित करनी होगी।
राज्यपाल ने कहा कि सूखे से निपटने के लिए तरकीब खोज की गई पर अभी भी बुंदेलखंड में असंतुलन की स्थित है। राज्यपाल ने ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा आदि की उन्नत प्रजातियाँ विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों का आह्वान किया। दीक्षांत समारोह के बाद राज्यपाल ने कुलपति और सभी विभागों के अधिष्ठाता विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की।
उत्तर प्रदेश में पानी-पानी, बनें चेकडैम
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी-बड़ी नदियाँ हैं। जहाँ देखो पानी ही पानी फिर भी बारिश का पानी बेकार जा रहा है। चेकडैम बनें ताकि समय पर पानी को संरक्षित कर उसका उपयोग किया जा सके। राज्यपाल ने कक्षा आठ तक के 25 छात्र-छात्राओं को किताबें और स्कूल बैग दिए। उन्होंने कहा कि जूनियर हाईस्कूल के बच्चों को इसलिए दीक्षांत समारोह में बुलाया ताकि वह मेडलिस्ट छात्र छात्राओं से प्रेरणा लें।
कुपोषणता-टीबी बड़ी समस्या
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि बच्चों में कुपोषणता और टीबी बड़ी समस्या है। टीबी रोगियों को गोद लेकर इसे जड़ से खत्म कर सकने के प्रधानमंत्री के आह्वान को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कुपोषणता से पीडि़त बच्चों को लेकर जाएं। गाँव वाले मिलकर कुपोषणता से जंग लड़ें तो बेहतर परिणाम सामने होगा।
खेती की ऐसी तकनीक विकसित करें जिससे प्राकृतिक साधन सुरक्षित रहें: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल