नहीं रख पाएंगे इतना चावल-गेहूँ, दान कर दीजिए
नई दिल्ली, सोमवार, 15 अक्टूबर 2019। भारतीय खाद्य निगम में अनाज बहुतायत में होने के चलते केन्द्र सरकार इसके भण्डारण के खर्च को कम करने और नुकसान से बचने के लिए देशभर में जरुरत से अधिक अनाज भंडार को कम करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए खाद्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह अतिरिक्त अनाज के भंडार को योग्य देशों को मानवीय सहायता के रूप में देने के विकल्प के रूप में विचार करे।
सूत्रों के अनुसार खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया कि वो एफसीआई के पास उपलब्ध अतिरिक्त भंडार से गेहूँ और चावल को जीटूजी (सरकार से सरकार) के जरिए योग्य देशों को मानवीय सहायता देने की संभावनाओं का पता लगाए। इस साल की शुरुआत में सचिवों की एक समिति ने भी सिफारिश की थी कि विदेश मंत्रालय योग्य देशों की सहायता के रूप में गेहूँ की पेशकश की संभावना का पता लगाए। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग मंत्रालय ने भी पिछले दो सालों में कम से कम दो बार विदेश मंत्रालय से इस तरह का अनुरोध किया था। सूत्रों ने बताया कि बार-बार अनुरोध करने के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा गेहूँ और चावल की खरीद में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। इससे एफसीआई में गेहूँ और चावल का अतिरिक्त भंडार और बढ़ गया। भण्डारण मानदंडों के अनुसार एक जुलाई को सेंट्रल पूल में खाद्यान्न की कुल जरुरत 411.20 लाख टन थी मगर एक सितंबर को सेंट्रल पूल में अनाज का भण्डारण 669.15 लाख टन था। इसमें 254.25 लाख टन चावल और 414 लाख टन गेहूँ थे।