केवीआईसी का वार्षिक कारोबार लगभग 3,000 करोड़ रुपये है और इसे आने वाले वर्षों में बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य: विनय सक्सेना
खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा बांस से बनी पानी की बोतल, किफायती सैनिटरी नैपकिन, गाय के गोबर से बना साबुन और कच्ची घानी सरसों तेल प्रस्तुत
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को अगले दो साल में 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करे
नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग गांधीजी के हृदय के बहुत करीब थे। केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर मंगलवार, 1 अक्टूबर 2019 को यहाँ नई दिल्ली में इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वह जैविक खेती और उसके लाभ के पुरजोर समर्थक है।
नितिन गडकरी ने यहाँ कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया बिक्री केंद्र में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के नए उत्पादों की प्रस्तुति के साथ-साथ एक विशेष बिक्री अभियान भी शुरू किया। उन्होंने लाड़ली द्वारा तैयार किफायती सैनिटरी नैपकिन के साथ, गाय के गोबर से बना साबुन और कच्ची घानी सरसों तेल का भी लोकार्पण किया।
बांस से बनी 700 मिलीलीटर और 900 मिलीलीटर की क्षमता वाली बोतल त्रिपुरा स्थित एक संगठन द्वारा बनाई गई है। इसे प्लास्टिक की बोतलों का सटीक प्रतिस्थापन या विकल्प माना जा रहा है क्योंकि यह प्राकृतिक, किफायती, आकर्षक और सर्वाधिक पर्यावरण अनुकूल है। बांस की बनी पानी बोतल की कीमत 560 रुपये और 125 ग्राम का साबुन का दाम 125 रुपये है।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपिता को स्मरण करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग गांधीजी के हृदय के बहुत करीब थे। उन्होंने कहा कि गांधीवादी अर्थशास्त्र में अधिकतम लोगों की भागीदारी के साथ अधिकतम उत्पादन पर जोर दिया जाता है और भारत सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए पूरी तन्मयता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय सुलभ कराना और चमड़ा कारीगरों को टूल किट का वितरण इसी दिशा में अहम कदम हैं।
श्री गडकरी ने खादी उत्पादों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि उन्हें युवाओं के लिए और अधिक आकर्षक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मंत्रालय तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) इस संबंध में प्रख्यात डिजाइनरों के साथ सहयोग कर रहे हैं। श्री गडकरी ने कहा कि मौजूदा समय में 200 एमएसएमई कंपनियाँ राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि केवीआईसी को भी एनएसई में कुछ उद्यमियों को सूचीबद्ध कराने के प्रयास करने चाहिए जिससे कर्ज का प्रवाह आसान हो जाएगा। नितिन गडकरी ने कहा कि हमने एक योजना तैयार कर उसका प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास भेजा है, जिसके तहत एमएसएमई इकाइयों में 10 प्रतिशत पूँजी का योगदान केंद्र सरकार करेगी।
श्री गडकरी ने पर्यावरण अनुकूल, किफायती और स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए बेहतर माने जाने वाले नए उत्पादों को विकसित करने में केवीआईसी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्ष खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) 13 अक्टूबर, 2018 को एक ही दिन में 1.25 करोड़ रुपये की बिक्री करने के स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़ देगा। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) को अगले दो साल में 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करना चाहिए और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करने चाहिए।
नितिन गडकरी ने केवीआईसी द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों की ब्रांडिंग के महत्व और ग्राहकों के बीच जैविक वस्तुओं की स्वीकार्यता बढऩे को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, 'हमें गुणवत्ता और बेहतर पैकेजिंग के साथ महात्मा गांधी के आर्थिक विचारों की भावना के समझौता किए बिना पेशेवर और पारदर्शी रुख की जरूरत है।'
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ग्रामोद्योगों के पुनरुत्थान में जुटा हुआ है। आज प्रस्तुत किए गए कच्ची घानी सरसों तेल की आपूर्ति प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) से जुड़ी एक इकाई कर रही है, जिसे हाल ही में जयपुर के निकट स्थापित किया गया है। किफायती सैनिटरी नैपकिन भी एक पीएमईजीपी इकाई में तैयार किए जा रहे हैं जो चंडीगढ़ में है। उन्होंने बताया कि केवीआईसी का वार्षिक कारोबार लगभग 3,000 करोड़ रुपये है और इसे आने वाले वर्षों में बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के मद्देनजर केवीआईसी पहली बार गांधी टोपी एवं गांधी धोती पर 40 प्रतिशत छूट या छूट दे रही है। इसी तरह सभी ग्रामोद्योग उत्पादों पर 20 प्रतिशत छूट दी जाएगी जो 2 अक्टूबर से प्रभावी होगी और यह 40 दिनों के लिए मान्य होगी।