नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सोमवार, 28 अक्टूबर 2019 को कुछ शर्तों के साथ 'बेंगलुरू रोज' नामक प्याज की किस्म को 30 नवंबर तक निर्यात करने की अनुमति दी है। केन्द्र सरकार के इस कदम से कर्नाटक के 'बेंगलुरू रोज' प्याज उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि प्याज की तेजी से बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने सितंबर 2019 में इसकी सभी किस्मों के निर्यात पर रोक लगा दी थी। वर्तमान में प्याज की 'बेंगलुरू रोज' किस्म को निर्यात पर लगी रोक से छूट दी गई है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है कि 'बेंगलुरू रोज' प्याज का इस साल 30 नवंबर तक 9,000 टन तक निर्यात करने की अनुमति दी गई है। यह निर्यात केवल चेन्नई बंदरगाह से किया जा सकता है। इस किस्म के प्याज निर्यातक को निर्यात करने के लिए 'बेंगलुरू रोज' किस्म के प्याज और इसकी मात्रा को प्रमाणित करने के लिए बागवानी आयुक्त, कर्नाटक से एक प्रमाण पत्र प्राप्त लेना होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि बेंगलुरू के अतिरिक्त विदेश व्यापार महानिदेशालय का कार्यालय निर्यात की जा रही प्याज की कुल मात्रा की निगरानी करेगा। सरकार की ओर से बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के तमाम उपायों के बावजूद अगस्त माह से प्याज की खुदरा कीमतों में भारी वृद्धि के बीच प्याज के निर्यात पर रोक लगाई गई थी।
महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में बाढ़ के बाद आपूर्ति बाधित होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें बढ़कर 50-60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई।
बेंगलुरु रोज प्याज की विशेषताएँ
बेंगलुरु रोज प्याज को स्थानीय रूप से गुलाबी इरुल्ली कहा जाता है। कर्नाटक में बेंगलुरु के आसपास उगाये जाने के कारण इसे बेंगलुरु रोज प्याज कहा जाता है। इसे 2015 में भौगोलिक संकेत मिला। यह प्याज बेंगलुरु ग्रामीण, चिक्काबल्लापुर और कोलार जिलों में उगाया जाता है। इसे तुमकुर, हसन, दावणगेरे, धारवाड़ और बागलकोट में भी उगाया गया था। भारत में किसी अन्य स्थान पर गुलाबी प्याज की खेती नहीं की जाती है। इसे लगभग 23,000 हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता है। इसका कुल उत्पादन करीब 4.40 लाख टन होता है।
इस प्याज का कंद का आधार चपटा होता है। कंद गोलाकार होते हैं। कंद का रंग गहरा लाल या गहरा गुलाबी होता है। कंद छोटे से मध्यम आकार तक के होते हैं। इस प्याज में अधिक तीखापन है जिसके कारण यह अचार बनाने के लिए अधिक उपयुक्त है। इसमें प्रोटीन, फॉस्फोरस, आयरन और कैरोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है।
इसे उगाने के लिए मृदा का पी.एच. मान 6.5 और 7 के बीच होना चाहिए। 70 से 75 प्रतिशत वायुमंडलीय आद्र्र्रता और औसत तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। जलवायु की ये परिस्थितियाँ बेंगलुरु के के आसपास पाई जाती हैं, इसलिए यह किस्म विशेष रूप से यहाँ उगाई जाती है।
बेंगलुरु रोज का निर्यात बड़ी मात्रा में मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों में किया जाता है।
केन्द्र सरकार ने प्याज की किस्म 'बेंगलुरू रोज' की 30 नवंबर तक निर्यात की अनुमति दी