नयी दिल्ली। कपास की खेती तथा घरेलू सूती वस्त्र उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तम्भ हैं। देश में 80 लाख छोटे और सीमान्त किसान कपास की खेती से जुड़े हैं। केन्द्रीय कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी ने जिनेवा में सोमवार, 7 अक्टूबर 2019 को विश्व कपास दिवस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व के सबसे बड़े कपास उत्पादक और उपभोक्ता देशों में शामिल है। भारत विश्व कपास दिवस को समर्थन प्रदान करता है। यह कपास के महत्व की पहचान करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों में कपास लाखों छोटे व सीमान्त किसानों की आजीविका का स्रोत है।
श्रीमती इरानी ने कहा कि कपास की खेती तथा घरेलू सूती वस्त्र उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तंभ है। देश में 80 लाख छोटे और सीमान्त किसान कपास की खेती से जुड़े हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व कपास दिवस नवोन्मेषी पहलों की शुरूआत करने में सहायता प्रदान करेगा।
श्रीमती इरानी ने कहा कि विश्व कपास दिवस के लिए महात्मा गांधी को आइकन के रूप में चुना जाना सर्वथा उपयुक्त है। इस अवसर पर भारत डब्ल्यूटीओ को महात्मा गांधी के चरखे की प्रतिकृति भेंटस्वरूप प्रदान करेगा। भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बुनकर पिट्टा रामुलु चरखे पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
कपास की खेती तथा घरेलू सूती वस्त्र उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तम्भ हैं: श्रीमती इरानी