किसान 16 अक्टूबर तक करा सकते हैं खरीफ उपार्जन के लिए पंजीयन
जबलपुर (मध्यप्रदेश)। जबलपुर जिले में अब तक 17 हजार नये किसानों ने खरीफ फसलों की बिक्री हेतु पंजीयन कराया है। कलेक्टर कार्यालय की खाद्य शाखा ने बुधवार, 9 अक्टूबर 2019 को यह जानकारी दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ उपार्जन के लिए 16 सितंबर से शुरू हुई किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया के तहत जिले में अभी तक 16 हजार 937 नये किसान अपना पंजीयन करा चुके हैं। किसानों के पंजीयन के लिए जिले में 63 पंजीयन केन्द्र बनाये गये हैं। इन केन्द्रों पर खरीफ उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन 16 अक्टूबर तक किया जायेगा।
जानकारी के अनुसार जिले में खरीफ उपार्जन के लिए पूर्व वर्ष में भी 31 हजार 778 किसान अपना पंजीयन करा चुके थे। हालॉकि पूर्व में पंजीकृत इन किसानों को दुबारा पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन इन्हें अपने पुराने पंजीयन को अपडेट कराने एवं खरीदी केन्द्र पर फसल के विक्रय की तीन संभावित तिथियाँ पंजीयन केन्द्रों पर जाकर बतानी होगी और पोर्टल पर अपलोड कराना होगा।
वर्ष 2019-20 खरीफ विपणन के लिए विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत धान सामान्य 1,815 रुपये प्रति क्विंटल तथा धान ग्रेड-ए 1,835 रुपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय की जाएगी। खरीफ उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन 16 अक्टूबर तक प्रात: 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक निर्धारित पंजीयन केन्द्रों पर किया जाएगा। जबलपुर जिले में किसानों के पंजीयन के लिए 63 केन्द्र निर्धारित किए गए हैं। किसान शासकीय अवकाश के दिन छोड़कर इन केन्द्रों पर खरीफ उपर्जान के लिए पंजीयन करा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त किसान स्वयं एमपी किसान एप, ई-उपार्जन मोबाईल एप, पब्लिक डोमेन में ई-उपार्जन पोर्टल पर भी पंजीयन कर सकते हैं। किसान पंजीयन के लिए एमपी किसान एप तथा ई-उपार्जन मोबाईल एप को किसान एण्ड्राइड वेस्ड मोबाईल पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। नवीन, सिकमी किसान एवं वनाधिकार पट्टाधारी किसान अपना पंजीयन केवल निर्धारित पंजीयन केन्द्रों पर ही करा सकते हैं।
धान की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि
कलेक्टर भरत यादव ने किसानों से 16 अक्टूबर तक निर्धारित केन्द्रों में अपना पंजीयन कराने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि किसानों से उपार्जन के लिए धान की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि भी की गई है। इस बार अच्छी वर्षा होने के कारण प्रति हेक्टेयर सिंचित और असिंचित धान की उत्पादकता में अधिक अंतर नहीं रखा गया है। श्री यादव ने बताया कि कुंडम तहसील को छोड़कर जिले की सभी तहसीलों में प्रति हेक्टेयर सिंचित धान की उत्पादकता 50 क्विंटल एवं असिंचित धान की उत्पादकता 45 क्विंटल निर्धारित की गई है। जबकि कुंडम तहसील में प्रति हेक्टेयर सिंचित धान की उत्पादकता 45 एवं असिंचित धान की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 40 क्विंटल तय की गई है।
जबलपुर जिले में अब तक 17 हजार नये किसानों ने कराया पंजीयन