दुनियाभर में कॉफी की खपत बढ़ाने में एशिया व भारत की महत्वपूर्ण भूमिका: अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन

Coffee
पिछले तीन दशकों में वैश्विक कॉफी उत्पादन में एशिया की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत से बढ़कर 32 प्रतिशत हुई
भारत में प्रति व्यक्ति कॉफी की खपत 100 ग्राम वार्षिक जबकि ब्राजील में 6 किलो
भारत दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश
बेंगलुरु। दुनियाभर में कॉफी की खपत बढ़ाने में एशिया व भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस वृद्धि में भारत के लिये भूमिका निभाने के व्यापक अवसर मौजूद हैं। अंतर्राष्ट्रीय कॉफी संगठन (आईसीओ) के कार्यकारी निदेशक, जोस डस्टर सेट्टे ने गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019 को इस आशय के विचार यहाँ व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति कॉफी की खपत 100 ग्राम वार्षिक है, जबकि अपने आंतरिक बाजार में निवेश करने वाले ब्राजील में प्रति व्यक्ति खपत प्रतिवर्ष 6 किलो है। श्री सेट्टे ने कहा, ''भारत की खपत के मुकाबले ब्राजील की खपत 60 गुना है। इसलिए, भारत में खपत बढ़ाने के लिए बहुत संभावनायें हैं।'' उन्होंने कहा कि खपत में वृद्धि की अगुवाई निजी क्षेत्र द्वारा की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि भारत में कैफे कॉफी डे जैसी महत्वपूर्ण कॉफी शृंखलाएं हैं।
अगले साल सात सितंबर से यहाँ आयोजित होने वाले विश्व कॉफी सम्मेलन (डब्ल्यूसीसी) के पाँचवें संस्करण की घोषणा करने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में जोस डस्टर सेट्टे ने कहा कि वैश्विक कॉफी उद्योग के लिए एशिया की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। हालाँकि, इस क्षेत्र में कई सदियों से कॉफी का उत्पादन किया जाता रहा है, लेकिन पिछले तीन दशकों में वैश्विक कॉफी उत्पादन में एशिया की हिस्सेदारी दोगुनी हो गयी है, जो 16 प्रतिशत से बढ़कर 32 प्रतिशत हो गयी है।
उन्होंने कहा कि ऐसा एक प्रमुख कॉफी उत्पादक के रूप में वियतनाम के उदय के परिणामस्वरूप हुआ है जबकि भारत सहित अन्य देशों में उत्पादन बढ़ने के कारण भी हुआ है। भारत, जो आईसीओ का संस्थापक सदस्य है, दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है और यह कॉफी के वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण किस्मों- अरेबिका और रोबस्टा दोनों को उगाया जाता है।