धान की दुर्लभ किस्मों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ के आदर्श महिला समूह को दस लाख रुपये का पादप संरक्षक पुरस्कार

Narendra Singh Tomar Agriculture Minister of Government of India along with Central State Agriculture Minister Kailsha Chaudhary giving Plant Genome Savipur Awards in New Delhi on 23 October 2019
धान की दुर्लभ किस्मों ग्रीन राइस, ब्लैक राइस और करहनी धान का संरक्षण और संवर्धन किया
बैंगन की देशी किस्म के विकास और संरक्षण के लिए प्रदेश के किसान को डेढ़ लाख रुपये का पुरस्कार
नयी दिल्ली में आयोजित समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने दिये पुरस्कार
नयी दिल्ली। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र, दुर्ग के मार्गदर्शन में धान की दुर्लभ परंपरागत किस्मों ग्रीन राइस, ब्लैक राइस और करहानी धान के संरक्षण और संवर्धन का कार्य करने के लिये पाटन विकासखण्ड के ग्राम तर्रा (अचानकपुर) के महिला कृषकों के समूह ''आदर्श महिला आत्म समूह'' को पादप जीनोम संरक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के पौधा किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त इस राष्ट्रीय पुरस्कार में दस लाख रुपये की राशि दी जाती है। मंगलवार, 23 अक्टूबर 2019 को यहाँ पूसा परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आदर्श महिला समूह अचानकपुर की सदस्यों को सम्मानित किया।
इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, धमतरी के मार्गदर्शन में पारंपरिक देशी बैंगन की किस्म से विकसित निरंजन भाटा के संरक्षण के लिए ग्राम धुमा के प्रगतिशील कृषक लीलाराम साहू को पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार के रूप में डेढ़ लाख की राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील भी उपस्थित थे।
दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम अचानकपुर के महिला कृषक समूह आदर्श महिला आत्म समूह ने छत्तीसगढ़ में परंपरागत रूप से उगाई जाने वाली धान की दुर्लभ किस्मों ग्रीन राइस, ब्लैक राइस और करहनी धान के जननद्रव्य को न केवल संरक्षित किया बल्कि देश के दस अन्य राज्यों में इसके बीज पहुँचाकर इनके विस्तार में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 2014 में गठित इस महिला स्व-सहायता समूह ने धान की विशिष्ट और दुर्लभ किस्मों की खेती कर उनके संरक्षण का बीड़ा उठाया। समूह की अध्यक्ष श्रीमती बेला साहू, सचिव श्रीमती दुलारी साहू एवं अन्य सदस्य महिलाओं ने ग्रीन राइस, ब्लैक राइस और करहनी धान की खेती शुरू की जिनमें बहुत से पोषक तत्व और औषधीय गुण मौजूद हैं। इस समूह द्वारा संरक्षित करहनी धान मधुमेह रोगियों हेतु बहुत उपयोगी है इस किस्म में आयरन, जिंक एवं विशेष पोषक गुण पाये जाते हैं।
उन्होंने सामुदायिक बीज बैंक की स्थापना की और उत्पादित धान के बीजों को अन्य किसानों को भी खेती के लिए बांटना शुरू किया। समूह द्वारा प्रति वर्ष बीज महोत्सव का आयोजन कर इन किस्मों को उगाने के इच्छुक किसानों को इस शर्त पर बीज दिये गए कि फसल आने पर वे दोगुना बीज वापस लौटाएंगे। इस तरह यह समूह गाँव के ही 125 किसानों के सहयोग से इन किस्मों की 82 एकड़ क्षेत्र में उपज ले रहा है। महिला समूह द्वारा पौष्टिक गुणों वाले चावल का प्रसंस्करण कर एक किलो और आधा किलो के पैकेट में जैविक, औषधीय पोषक चावल के नाम से विक्रय किया जा रहा है। समूह ने इन किस्मों के संरक्षण और विस्तार के लिए महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, बिहार, उत्तरप्रदेश, गोवा, मिजोरम, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल के किसानों को भी इनके बीज उपलब्ध कराये। इस समूह द्वारा मशरूम, वर्मीकम्पोस्ट, गौ अर्क आदि का भी उत्पादन किया जा रहा है।


Narendra Singh Tomar Agriculture Minister of Government of India along with Central State Agriculture Minister Kailsha Chaudhary giving Plant Genome Savipur Awards in New Delhi on 23 October 2019 to Lilaram Sahu village Dhuma Block Kurud District Dhamtari of Chhattisgarh
पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरूद विकासखण्ड के ग्राम धुमा के प्रगतिशील कृषक लीलाराम साहू को भी पादप जीनोम संरक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र, धमतरी के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए श्री साहू ने बैंगन की निरंजन भाटा नामक किस्म का विकास परंपरागत देशी बैंगन की किस्मों से करते हुए उसका संरक्षण किया। बैंगन की इस किस्म की लंबाई 45 से 75 सेंटीमीटर तक होती है जिसमें बीज कम होते हैं और खाने में स्वादिष्ट होती है। यह किस्म कीट-व्याधि के प्रति सहनशील है। श्री साहू ने निरंजन भाटा किस्म के बीजों को देश 22 राज्यों के किसानों तक पहुँचाया है। उनक विशिष्ट योगदान के लिए कृषक सम्मान समारोह में श्री साहू को 1.5 लाख रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के पादप प्रजनन विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा भी उपस्थित थे।