धान-गेहूँ फसल चक्र तोड़ने में विश्व बैंक करे सहायता: मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह

Punjab Chief Minister Captain Amrinder Singh


पंजाब में फलों और बागवानी क्षेत्र में नई कृषि क्रांति का सूत्रपात करने का बड़ा अवसर: जुएरजेन वोयगेले
चंडीगढ़। पंजाब में धान-गेहूँ फसल चक्र को तोड़ने में विश्व बैंक सहायता करे। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार, 29 अक्टूबर 2019 को विश्व बैंक के वैश्विक निदेशक (कृषि और जल) जुएरजेन वोयगेले के नेतृत्व में विश्व बैंक के प्रतिनिधिमंडल के साथ यहाँ हुई बैठक में यह आग्रह किया।
मुख्यमंत्री श्री सिंह ने विश्व बैंक के अधिकारियों से तकनीकी और वित्तीय सहायता देने का आग्रह किया ताकि राज्य में किसानों को पारंपरिक गेहूँ-धान के चक्र से दूसरे फसलों की ओर रुख करने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाने के साथ जल संरक्षण करना भी है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यक्रमों से प्रोत्साहित होकर, कई किसान गेहूँ और धान की खेती छोड़ रहे हैं और वैकल्पिक फसलों की ओर अपना रुख कर रहे हैं। एक सरकारी बयान के अनुसार, ''उन्हें तकनीकी और वित्तीय सहायता की आवश्यकता है, जो विश्व बैंक प्रदान कर सकता है।''
मुख्यमंत्री ने राज्य के कृषि विभाग को निर्देशित किया है कि वे विश्व बैंक को देने के लिए फसल विविधीकरण और भूजल संरक्षण के बारे में योजना का प्रारूप तैयार करें ताकि विश्व बैंक से तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सके।
किसानों की आय बढ़ाने,  घटते जल स्तर को रोकने और फसल विविधीकरण करने पर केंद्रित इस उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक से पंजाब में फल और पशुधन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए समर्थन प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक ने उज्बेकिश्तान में इस तरह का प्रयास किया था।
अमरिंदर ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से अपने अनुभवों और नवाचारों को साझा करने के लिए कहा ताकि राज्य के भूजल स्तर को संरक्षित किया जा सके। पंजाब सरकार के बयान के अनुसार, विश्व बैंक के वैश्विक निदेशक (कृषि और जल) जुएरजेन वोयगेले ने राज्य की पहल 'पानी बचाओ, पैसा कमाओ' की सराहना की और मुख्यमंत्री को उनके फसल विविधीकरण और जल संरक्षण की दिशा में किये जा रहे उनके प्रयासों को विश्व बैंक से पूरी मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में फलों और संबद्ध क्षेत्रों में अपनी क्षमता का दोहन करते हुए एक नई कृषि क्रांति का सूत्रपात करने का बड़ा मौका है।