भारत का समुद्र के रास्ते चीन को निर्यात एक अरब अमरीकी डॉलर के करीब

Fish Prawn
भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश
भारत से समुद्री उत्पादों का निर्यात 7 अरब अमरीकी डॉलर का
चीन के समुद्र तटीय शहर किंगदाओ में भारतीय दूतावास ने समुद्री उत्पाद निर्यात प्रदर्शनी का किया आयोजन
नयी दिल्ली, बुधवार, 30 अक्टूबर 2019। भारत का चीन को समुद्री उत्पादों का निर्यात तिगुना हो गया है और यह 2019 के पहले 9 महीनों में करीब 800 मिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँच चुका है। चीन के सीमा शुल्क प्राधिकार द्वारा जारी आँकड़ों में यह जानकारी दी गई है। भारत के समुद्री निर्यात के इस वर्ष के अंत तक एक अरब अमरीकी डॉलर को पार करने की संभावना है। चीन के एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने 9 अक्तूबर 2019 को भारत का दौरा किया और अगले दो वर्षों में 500 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के समुद्री उत्पादों के आयात के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।


K.S. Shrinivas IAS Chariman The Marine Products Export Development Authority (MPEDA)
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (दि मरीन प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट डेव्हलपमेंट अथॉरिटी-एमपीईडीए) के अध्यक्ष के.एस. श्रीनिवासन, आईएएस ने इस क्षेत्र में भारत की शक्ति की जानकारी दी और बताया कि भारत दुनिया में चौथे सबसे बड़े समुद्री उत्पाद निर्यात के रूप में उभर रहा है। भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जो 7 अरब अमरीकी डॉलर मूल्य के समुद्री उत्पादों का निर्यात करता है। चीन समुद्री उत्पादों का एक बड़ा आयातक है, जो करीब 12 अरब अमरीकी डॉलर का आयात करता है। उन्होंने भारत के समुद्री उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारत द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। ज्ञात हो कि एमपीईडीए का मुख्यालय केरल के कोचि में स्थित है।
एमपीईडीए के नेतृत्व में शंघाई और ग्वांगचाओ में भारत के वाणिज्य दूतावास ने चीन में भारतीय समुद्री उत्पादों को बढ़ावा दिया और वह विभिन्न साझेदारों के साथ इस कार्य में लगा हुआ है। इस क्षेत्र में भारत की शक्ति को शामिल करने के लिए भारत के दूतावास ने समुद्र तटीय शहर किंगदाओ, जो आयात के लिए एक प्रमुख बंदरगाह है, में चीन के मत्स्य और समुद्री उत्पाद निर्यात एक्सपो के दौरान एमपीईडीए के सहयोग से तरक्की के बारे में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया।
एक्सपो में भाग लेने के लिए 40 भारतीय निर्यातकों और निर्यात संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल एमपीईडीए के अध्यक्ष के.एस. श्रीनिवास के नेतृत्व में चीन गया। इस एक्सपो में भाग लेने वाले 25 प्रमुख आयात कंपनियों के 50 से अधिक भागीदारों के साथ चीन के आयातकों की ओर से भारत को काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसका आयोजन किंगदाओ के सीसीपीआईटी और सीएफएनए ने भारतीय दूतावास के साथ मिलकर किया।
इस अवसर पर भारतीय दूतावास में आर्थिक और वाणिज्य दूत प्रशांत लोखंडे ने विशाल संभावनाओं पर जोर दिया और निकट भविष्य में दो अरब अमरीकी डॉलर निर्यात करने का लक्ष्य रखा। उन्होंने भारतीय निर्यातकों और चीनी आयातकों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया तथा सहयोग के लिए चीन के वाणिज्य मंत्रालय और जीएसीसी को धन्यवाद दिया।
भारतीय दूतावास विभिन्न उत्पादों जैसे भारतीय अंगूर, चीनी, चावल, औषधीयाँ, चाय, खली, सूचना प्रौद्योगिकी और आईटीईएस को बढ़ावा दे रहा है, जिनमें भारत वैश्विक शक्ति साबित होगा, लेकिन चीन में उसकी बाजार हिस्सेदारी कम है।