बाढ़ की वजह से कर्नाटक में गन्ना ऊपज हो सकती है प्रभावित: गन्ना मंत्री सी.टी. रवि


उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद चीनी उत्पादन करने वाले कर्नाटक में 1.52 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की गन्ना फसल प्रभावित होने का अनुमान
सामान्यत: कर्नाटक में 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना की खेती की जाती है
वर्ष 2018-19 में 410.65 लाख टन गन्ने की पेराई की गई
कर्नाटक में 85 चीनी कारखाने हैं, जिसमें से वर्ष 2018-19 में 67 मिलों ने परिचालन किया और 44.31 लाख टन चीनी का उत्पादन किया
केंद्र द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए तय किए गए उचित और लाभकारी मूल्य के रूप में 11,948 करोड़ रुपये में सिर्फ 84 करोड़ रुपये का भुगतान  शेष
बेंगलुरु। बाढ़ की वजह से कर्नाटक में गन्ना उपज प्रभावित हो सकती है। कर्नाटक के गन्ना मंत्री सी.टी. रवि ने गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019 को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बाढ़ की वजह से गन्ने के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य में गन्ना उपज में इस बार कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि कई हफ्तों तक जलप्लावित होने के कारण 1.52 लाख हेक्टेयर पर गन्ने की फसल प्रभावित हुई है। इसलिए हम उपज में कमी आने का अनुमान कर रहे हैं।
गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यहाँ पत्रकारों से बात करते हुए गन्ना मंत्री श्री रवि ने कहा कि उपज कम होने की वजह से इस साल चीनी कारखानों में पेराई सत्र कम समय का रहेगा।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में गन्ने की खेती 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है और वर्ष 2018-19 में 410.65 लाख टन गन्ने की पेराई की गई। प्रदेश में 85 चीनी कारखाने हैं, जिसमें से वर्ष 2018-19 में 67 मिलों ने परिचालन किया और 44.31 लाख टन चीनी का उत्पादन किया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश चीनी उत्पादन में पहले स्थान पर है, उसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का स्थान है। किसानों को देय राशि पर, उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए तय किए गए उचित और लाभकारी मूल्य के रूप में 11,948 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था और बुधवार तक केवल 84 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना रह गया। उन्होंने कहा, ''इस प्रकार 99.5 प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। बाकी का भुगतान अगले 10 दिन में कर दिया जाएगा।''
चीनी निदेशालय और गन्ना विकास के लिए आयुक्त कार्यालय को बेलगाँवी में स्थानांतरित करने के संबंध में, मंत्री ने कहा कि सरकार के स्तर पर इस संदर्भ में कोई निर्णय किया जाना था, लेकिन आवश्यक कर्मचारियों से संबंधित कुछ मुद्दों पर विचार करना होगा।