पटना। बिहार सरकार ने बाढ़ और सूखे से फसलों को हुए नुकसान का आकलन कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 को पटना में राज्य में बाढ़ और सूखे की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को यह निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विकासखण्ड स्तर पर क्षति का आकलन करके एक सप्ताह के भीतर मुख्यालय में रिपोर्ट भेंजे। इसी आधार पर राज्य सरकार सूखे का ऐलान करेगी।
बैठक में मंगलवार तक की स्थिति को आधार मानकर फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया गया। इसके तहत खेतों में दरार, फसलों के मुरझाने और 33 प्रतिशत तक फसलों की क्षति के आधार पर आकलन किया जाएगा। इसी आधार पर किसानों को कृषि आदान अनुदान का वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार इससे किसानों को रबी की खेती करने में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बिहार के 13 जिले बाढ़ से प्रभावित रहे, तो वहीं 22 जिलों में औसत से कम बारिश हुई। राज्य में दरभंगा, मधुबनी और कोसी इलाके के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति रही। शुरुआती आकलन के अनुसार बाढ़ से राज्य में किसानों को 350 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। वहीं, बेगूसराय, नवादा, औरंगाबाद और सासाराम जिलों में औसत से काफी कम बारिश हुई। इस वजह से राज्य में बड़े इलाके में इस बार धान की खेती नहीं हुई। राज्य सरकार के अनुसार इस बार धान के क्षेत्रफल में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। दलहन और तिलहन के क्षेत्रफल में गिरावट दर्ज की गई है।
बाढ़ और सूखे से नुकसान हुई फसल का होगा आकलन: नीतीश कुमार