अतिवृष्टि और बाढ़ से मध्यप्रदेश को हुई क्षति के लिये 6,621 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराये केन्द्र: मुख्य सचिव

Sudhi Ranjan Mohanti Chief Secretary of Madhyapradesh in a meeting with Central team on 16 October 2019
प्रदेश के 40 जिलों की 60.52 लाख हेक्टेयर फसल और 55 लाख से अधिक कृषक प्रभावित
अतिवृष्टि और बाढ़ से हुई क्षति के लिये केन्द्रीय दल से 6 हजार 621 करोड़ की सहायता की माँग
अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल का दौरा और बैठक सम्पन्न
भोपाल। केन्द्र सरकार अतिवृष्टि और बाढ़ से मध्यप्रदेश को हुई क्षति के लिये 6,621 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराये। मुख्य सचिव एस.आर मोहन्ती ने बुधवार, 16 अक्टूबर 2019 को यहाँ मंत्रालय में केन्द्रीय दल से यह आग्रह किया।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंत्रालय में संपन्न अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल की बैठक में अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को हुई क्षति के लिये नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फण्ड (एनडीआरएफ) से 6,621 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। 
मुख्य सचिव ने बताया कि मध्यप्रदेश में खरीफ की 149.35 लाख हेक्टेयर फसल में से 60.52 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है। इससे लगभग 55.36 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। प्रदेश की लगभग 11 हजार किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। लगभग 18 हजार 604 बिजली के खंबे और ट्रांसफार्मर तथा 1.2 लाख मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने बैठक में केन्द्र की ओर से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुये प्रदेश की स्थिति को गंभीर आपदा के रूप में लेने का अनुरोध किया।
संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय एस.के. शाही के नेतृत्व में आये अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने प्रदेश के 15 जिलों का भ्रमण कर बुधवार को राज्य शासन के अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक की। केन्द्रीय दल को अवगत कराया गया कि प्रदेश में एक जून से 30 सितम्बर तक की अवधि में 1348.3 एम.एम. वर्षा हुई, जो सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश के 20 जिले अतिवृष्टि से प्रभावित हैं। भारी बारिश के कारण लगभग 75 हजार लोगों को राहत शिविरों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर लाना पड़ा और लगभग 289 राहत शिविर संचालित किये गये।
बैठक में बताया गया कि स्कूल शिक्षा तथा आदिम जाति कार्य विभाग के 19,958 और महिला-बाल विकास के 17,106 भवन तथा ग्रामीण विकास की 2,923 जल प्रदाय से संबंधित 2,398 संरचनाओं को नुकसान हुआ है। इसके साथ स्वास्थ्य, जल संसाधन विभाग के भवन भी प्रभावित हुए हैं। क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए 2,285.88 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। इसी क्रम में फसलों को हुए नुकसान के लिए 3,742 करोड़; क्षतिग्रस्त मकानों और जानमाल के नुकसान की भरपाई के लिए 579 करोड़ 96 लाख तथा आपदा राहत आदि के लिए 13 करोड़ 44 लाख रुपये की सहायता की केन्द्र से माँग गई है।
मंत्रालय में संपन्न बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, प्रमुख सचिव गृह एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव लोक निर्माण मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव कृषि तथा सहकारिता अजीत केसरी, प्रमुख सचिव नगरीय विकास संजय दुबे तथा प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी उपस्थित थे। संचालक केन्द्रीय वित्त मंत्रालय अमरनाथ सिंह, केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के मनोज पोनीकर, दलहन निदेशालय कृषि मंत्रालय भारत शासन के निदेशक डॉ. ए.के. तिवारी तथा केन्द्रीय दल के अन्य सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे।