अधिक तेल वाले बीजों की किस्में विकसित करें कृषि वैज्ञानिक: कृषि सचिव संजय अग्रवाल

Sanjay Agrawal, Agriculture and Farmers Welfare Secretary, Government of India and Dr. Trilochan Mohapatra, ICAR & DARE Director General releasing a book during 10th National Seed Congress - 2019 in New Delhi on 15 October 2019


दलहन उत्पादन में देश आत्मनिर्भर, अब तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत: डॉ. त्रिलोचन महापात्र
केन्द्र सरकार नया बीज कानून लाने की प्रक्रिया में है
नवंबर 2018 से सितंबर 2019 के दौरान वनस्पति तेलों का कुल आयात 3 प्रतिशत बढ़कर एक करोड़ 41.7 लाख टन हो गया
नयी दिल्ली। कृषि वैज्ञानिक अधिक तेल वाले बीजों की किस्में विकसित करें। केन्द्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने यहाँ मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 को दसवें राष्ट्रीय बीज सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। बीज सम्मेलन का विषय ''किसानों की समृद्धि के लिए गुणवत्ता वाले बीज'' है।
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि तिलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर बीज की आवश्यकता है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से तिलहनों, विशेषकर सोयाबीन की अधिक तेल वाली किस्में विकसित करने का आह्वान किया ताकि खाद्य तेलों के लिए आयात पर निर्भरता कम की जा सके।
उन्होंने बताया कि उद्योग जगत के आँकड़ों के अनुसार, नवंबर 2018 से सितंबर 2019 के दौरान वनस्पति तेलों का कुल आयात 3 प्रतिशत बढ़कर एक करोड़ 41.7 लाख टन हो गया है। तिलहन और खाद्य तेल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत बताते हुए संजय अग्रवाल ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे खासकर सोयाबीन के बेहतर किस्म के बीज विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करें।


Sanjay Agrawal, Agriculture and Farmer Welfare Secretary, Government of India addressing to 10th National Seed Congress - 2019 in New Delhi on 15 October 2019
श्री अग्रवाल ने बीज चिह्नित करने की सर्वोत्तम प्रणाली स्थापित करने पर भी जोर दिया ताकि किसानों को प्रामाणिक एवं अच्छे किस्म के बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। श्री अग्रवाल ने बीज निर्यात को बढ़ावा देने की आवश्यकता के बारे में भी बात की। संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकार एक नया बीज कानून लाने की प्रक्रिया में है। उन्होंने विशेषज्ञों से सुझाव माँगे हैं।


Dr. Trilochan Mohapatra, ICAR & DARE Director General addressing to 10th National Seed Congress - 2019 in New Delhi on 15 October 2019
दलहन उत्पादन में देश आत्मनिर्भर, अब तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत: डॉ. त्रिलोचन महापात्र
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दालों का उत्पादन काफी बढ़ गया है और कहा है कि तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है। बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, डॉ. महापात्र ने डीएनए बारकोडिंग के बारे में बात की और डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए प्रोटोकॉल विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन राज्य सरकारों की ओर से प्रस्तुत की गयी माँग पर आधारित होना चाहिए।