दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हस्तक्षेप की सिफारिश करेंगे
नयी दिल्ली। आवश्यक खाद्य वस्तुओं के संबंध में जमाखोरी और सट्टा व्यापार की निगरानी करें। केंद्रीय उपभोक्ता कार्य सचिव, अविनाश के. श्रीवास्तव ने मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019 को यह निर्देश दिए।
आवश्यक खाद्य वस्तुओं जैसे- दलहन, प्याज, टमाटर और तिलहनों के संबंध में कार्टेलिजेशन (व्यापारियों द्वारा परस्पर गुटबंदी), जमाखोरी और सट्टा व्यापार की निगरानी के लिए गठित समूह की 18वीं बैठक की कृषि भवन में अध्यक्षता करते हुए उपभोक्ता कार्य सचिव, अविनाश के. श्रीवास्तव ने कहा, ''देश भर में दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उचित समय पर उचित नीतिगत हस्तक्षेप की सिफारिश की जा सकती है।''
बैठक में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, गुप्तचर ब्यूरो, दिल्ली पुलिस, नेफेड, डीजीएफटी, विदेश मंत्रालय, दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रतिनिधियों ने समूह को आवश्यक खाद्य वस्तुओं के संबंध में वर्तमान परिदृश्य की जानकारी दी। कृषि प्रतिनिधियों ने बताया कि खरीफ फसल के प्याज की आवक शुरू हो गई है और कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी मुख्य सचिवों को राज्य और जिला स्तर पर खासतौर से दिसंबर, 2019 तक त्यौहार के मौसम के दौरान एक बार फिर प्याज, दाल, खाद्य तेल और तिलहन आदि के थोक विक्रेताओं, व्यापारियों, आयातकों, निर्यातकों आदि के साथ नियमित बैठक करने की सलाह दी जाएगी।
अविनाश के. श्रीवास्तव ने निर्देश दिये कि एनसीआर राज्यों की पुलिस समिति स्टॉक की जमाखोरी पर नजर रखने और उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में नियमित बैठकें करे।
हालांकि, सरकार के इस दावे के विपरीत प्याज और टमाटर की खुदरा कीमतें आपूर्ति की कमी के कारण दिल्ली-एनसीआर के बाजार में महंगे बने हुए हैं। पिछले हफ्ते टमाटर के दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुँच गए थे, जबकि प्याज की कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
आवश्यक खाद्य वस्तुओं के संबंध में जमाखोरी और सट्टा व्यापार की निगरानी करें: उपभोक्ता कार्य सचिव