विश्व जल संकट से जूझ रहा है, पानी के महत्व को समझना होगा: सांसद सुनील सोनी

BJP Member of Parliament (Loksabha Sansad) from Raipur Sunil Soni in village Serkhedi, Tehsil Dharsiwan of Raipur District


विश्व जल संकट से जूझ रहा है, पानी के महत्व को समझना होगा: सांसद सुनील सोनी
रायपुर। विश्व जल संकट से जूझ रहा है, पानी के महत्व को समझना होगा। सुनील सोनी, लोकसभा सांसद रायपुर ने यह सारगर्भित बात मुख्य अतिथि की आसंदी से जिले के ग्राम सेरखेड़ी में आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर, जनपद पंचायत धरसीवां तथा छत्तीसगढ़ शासन के कृषि, उद्यानिकी, पशुधन विकास एवं मत्स्य विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार, 11 सितंबर 2019 को ग्राम सेरीखेड़ी में भारत सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत एक दिवसीय कृषक मेला और जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता धरसींवा विधानसभा के विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा, भारत सरकार के संयुक्त सचिव आर.के. अग्रवाल, जनपद पंचायत धरसींवा की अध्यक्ष श्रीमती रूखमणी वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधी उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित कृषकों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम खुरहा-चक्का एवं ब्रूरसेलोसिस राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधारण कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया।
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि आज जल संकट से सारा विश्व जूझ रहा है और दुनिया के कई शहर भूमिगत जलविहीन हो चुके हैं। यदि यही स्थिति रही तो अगले 20-25 वर्षों में सिंचाई तो छोड़िये पीने के पानी की भी किल्लत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जल शक्ति अभियान शुरू किया है और भारत सरकार में पृथक जल शक्ति मंत्रालय भी गठित किया है। उन्होंने रायपुर जिले के धरसींवा विकासखण्ड को जल शक्ति अभियान के तहत शामिल किये जाने पर केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। श्री सोनी ने प्लास्टिक को पर्यावरण के बेहत खतरनाक बताते हुए उपस्थित लोगों से प्लास्टिक का उपयोग न करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि गौवंश को रोगों से बचाने के आज एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ''नरवा, गरूआ, घुरवा और बाड़ी'' कार्यक्रम के अंतर्गत नदी, नालों, गौवंश, खाद एवं उद्यानिकी फसलों के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने जल संरक्षण पर जोर देते हुए सभी से अपने घरों में वाटर हार्वेस्टिंग तकनीक अपनाने का आह्वान किया। श्रीमती शर्मा ने किसानों से अपने पशुओं को लावारिस न छोड़ने का अनुरोध करते हुए कहा कि लावारिस पशु फसलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं का कारण भी बनते हैं और स्वयं भी वाहनों की चपेट में आ जाते हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा कहा कि धरसींवा विकासखण्ड में भूमिगत जल स्तर काफी नीचे जा चुका है जिससे फसलों की सिंचाई साथ-साथ पीने के पानी की भी समस्या आ रही है। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण और संवर्धन कार्य में सहभागी बने।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.सी. मुखर्जी ने कार्यक्रम की रूप-रेखा प्रतिपादित करते हुए बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अल्प वर्षा की चुनौती से निबटने के लिए सीड ड्रिल द्वारा कतार बोनी विधि विकसित की गई है। इससे कम वर्षा में भी अच्छी फसल होती है। विश्वविद्यालय द्वारा धान की इंदिरा बरानी किस्म विकसित की गई है जो बहुत कम पानी में अच्छा उत्पादन देती है।
जनपद पंचायत धरसींवा की अध्यक्ष श्रीमती रूखमणी वर्मा ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. भारती दासन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में कृषकगण उपस्थित थे।