सरकारी चीनी मिलें एक हफ्ते में किसानों को अदा करें बकाया गन्ना मूल्य: योगी आदित्यनाथ

Chief Minister CM of Uttar Pradesh UP Yogi Adityanath


सरकारी चीनी मिलें एक हफ्ते में किसानों को अदा करें बकाया गन्ना मूल्य: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। सरकारी चीनी मिलें एक हफ्ते में किसानों को अदा करें बकाया गन्ना मूल्य। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश बुधवार, 25 सितम्बर 2019 को अपने आवास पर भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मण्डल से चर्चा के दौरान दिए।
मुख्यमंत्री ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में मिले 9 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ उनके 21 सूत्रीय माँग पत्र पर विस्तार से चर्चा की।
योगी आदित्य नाथ ने निर्देश दिए कि सरकारी क्षेत्र की सहकारी या राज्य चीनी निगम की जिन मिलों ने पिछले पेराई सत्र के गन्ना मूल्य का भुगतान अब तक किसानों को नहीं किया है वह एक सप्ताह के भीतर भुगतान सुनिश्चत करें। इसके अलावा निजी क्षेत्र की उन मिलों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाकर तत्काल प्रभाव से किसानों का बकाया भुगतान करवाया जाएगा जिन्होंने अब तक किसानों को उनके देय गन्ना मूल्य नहीं दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस बार के पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य बढ़ोत्तरी में भी चर्चा कर उचित निर्णय किया जाएगा। आलू के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए एक समिति गठित की जाऐगी, जिसमें किसानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। प्रदेश भर में मण्डल स्तर पर पशु आरोग्य मेलों का आयोजन किया जाएगा। किसानों पर दर्ज झूठे मुकदमों की जाँच कराई जाएगी। धान खरीद की उच्च स्तरीय निगरानी की जाएगी।
इससे पूर्व अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार भाकियू के नेताओं ने गन्ना आयुक्त कार्यालय पर बुधवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक जमकर नारेबाजी व धरना-प्रदर्शन किया। धरने की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद अधिकारियों को निर्देश देकर भारतीय किसान यूनियन के नेताओं को अपने आवास पर वार्ता के लिए बुलाया। एडीएम व एएसपी स्तर के अधिकारी नेताओं से मिलने आए। प्रतिनिधि मण्डल में भारतीय किसान यूनियक प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीवान चन्द्र चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन, मण्डल अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा, मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक, मिर्जापुर जिलाध्यक्ष प्रहलाद सिंह, बिजनौर जिलाध्यक्ष दिगंबर सिंह आदि शामिल रहे।
माँगा इस बार 450 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य
मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि पिछले दो वर्षों से गन्ना उत्पादन लागत में लगभग 50 प्रतिशत वृद्धि हुई है। आगामी सत्र के लिए गन्ना मूल्य का निर्धारण स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर 450 रुपये क्विंटल तय किया जाए।
मुख्यमंत्री के समक्ष ये माँगें रखी
चीनी मिलें अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से चलायी जाएं। गन्ना अधिनियम में गन्ना आयुक्त को ब्याज माफ करने वाली शक्ति प्रदान करने वाली धारा को समाप्त किया जाए।
ज्ञापन में आगे कहा गया कि सरकार द्वारा तय समय सीमा के बाद भी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो पा रहा है। किसानों का गन्ना भुगतान ब्याज सहित अविलम्ब कराया जाए। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार पूर्व के 2 हजार करोड़ के बकाया ब्याज का भुगतान भी कराया जाए।
पिछले वर्ष सरकार की पर्ची वितरण की नई व्यवस्था से किसानों को जनवरी तक पर्ची मिल पाई थी। सभी समितियों में पर्चियों का असमान वितरण व सभी किसानों को समय से कलैंडर जारी नहीं किए गए थे। चीनी मिल चलने से पूर्व कलैण्डर जारी किए जाएं। सट्टा तय करते समय हर साल किसानों से खसरा खतौनी व हिस्सा प्रमाण पत्र न लिया जाए।
प्रदेश में स्वामीनाथन समिति के रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों सहित दूध का राज्य परामर्शी मूल्य तय करते हुए धान का मूल्य 2,700 रुपये क्विंटल; गेहूँ 2,600 रुपये क्विंटल; आलू का मूल्य 1,500 रुपये क्विंटल तय किया जाए।
सभी फसलों की शत-प्रतिशत सरकारी खरीद की जाए।