राज्य में प्रमाणित बीज का उत्पादन बढ़ाएं: कृषि मंत्री श्री चौबे

Chhattisgarh Agriculture Minister Ravindra Choubey taking meeting on 9 September 2019 in Raipur


राज्य में प्रमाणित बीज का उत्पादन बढ़ाएं: कृषि मंत्री श्री चौबे
छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड की संचालक मंडल की 48वीं बैठक
रायपुर। राज्य में प्रमाणित बीज का उत्पादन बढ़ाएं। छत्तीसगढ़ के कृषि, पशुपालन और जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे ने सोमवार, 9 सितंबर 2019 को छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड की संचालक मंडल की 48वीं बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर संचालक कृषि टामन सिंह सोनवानी, प्रबंध संचालक राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड नरेन्द्र कुमार दुग्गा, संचालक उद्यानिकी डॉ. प्रभाकर सिंह, निदेशक अनुसंधान सेवाएं इंदिरा गांधी कृषि वि.वि. डॉ. रमाकांत वाजपेयी सहित खाद्य, बीज निगम के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
रवीन्द्र चौबे ने कहा है कि राज्य की जलवायु व भूमि के प्रकार के अनुसार विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज के उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे अन्य राज्यों से बीज लेने की जरूरत न हो। उन्होंने कहा कि प्रमाणित बीज के उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही उत्पादित बीजों की खरीदी की जाए।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि प्रमाणित बीजों के उत्पाद से जुड़े किसानों तथा क्षेत्रफल का डाटा रखा जाए। इसके अनुरूप ही प्रमाणित बीजों की खरीदी की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि कृषि की लागत कम करने के लिए किसानों को जैव उर्वरकों के उपयोग हेतु प्रोत्साहित किया जाए। बस्तर संभाग में मक्का बीज की माँग अधिक है, माँग के अनुरूप बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करने कहा। मंत्री श्री चौबे ने किसानों से संबंधित प्रकरणों का जल्द निराकरण के निर्देश दिए।


Chhattisgarh Agriculture Minister Ravindra Choubey 9 September 2019 in Raipur
कृषि मंत्री ने बैठक में खरीफ फसल 2019 बीज भण्डारण एवं वितरण सहित अनेक कार्यों की समीक्षा की। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लेखों के वैधानिक अंकेक्षण के लिए अंकेक्षण शुल्क संबंधी प्रस्ताव को और तरल जैव उर्वरकों को कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को आपूर्ति की जाने के संबंध में अनुमोदन किया गया।
बीज निगम मुख्यालय जिला कार्यालय, प्रक्रिया केन्द्रों, प्रक्षेत्रों और जैव उर्वरक संयंत्र आटोमेशन कार्य निष्पादन करने के लिए साफ्टवेयर तैयार करने की अनुमति दी गई। इसके अलावा विभाग की अन्य आवश्यकताओं के लिए संचालक मंडल से अनुमोदन लिया गया।