केंद्र सरकार ने व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लागू की, प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया
खुदरा व्यापारियों पर 100 क्विंटल और थोक व्यापारियों पर 500 क्विंटल की स्टॉक सीमा लगाई
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से घरेलू उपलब्धता और प्याज की कीमतों में सुधार आने की उम्मीद
केंद्र ने राज्य सरकारों से बेईमान व्यापारियों के खिलाफ जमाखोरी विरोधी कार्रवाई करने को कहा
नई दिल्ली। देश में आसमान को छूते प्याज के दामों को कम करने के लिए मोदी सरकार ने आज रविवार, 29 सितंबर 2019 को प्याज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने व्यापारियों पर प्याज का स्टॉक करने की सीमा भी तय कर दी है। कुछ समय से आम जनता 80-90 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदने को मजबूर हो रही थी।
बाजार में प्याज की निरंतर उच्च कीमत को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत शासन ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लागू करने, निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई कदम उठाए और राज्य सरकारों से छापा मारने सहित व्यापारियों द्वारा जमाखोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा।
केंद्र सरकार ने एक त्वरित कार्रवाई में बाजार में स्टॉक को जारी करने को सुगम बनाने और व्यापारियों द्वारा जमाखोरी को रोकने के लिए प्याज व्यापारियों पर स्टॉक सीमाएं लगा दीं। पूर्व में, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को स्टॉक सीमाएं लगाने के लिए अधिकृत किया था। इस बार, केंद्र सरकार ने देशभर के राज्यों पर सीधे स्टॉक सीमा लगाने का निर्णय किया है। देशभर में खुदरा व्यापारियों पर 100 क्विंटल और थोक व्यापारियों पर 500 क्विंटल की स्टॉक सीमा लगाई गई है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे कि घरेलू उपलब्धता में सुधार आ सके। हाल ही में, 13 सितंबर 2019 को प्याज के निर्यात पर 850 डॉलर (एफ.ओ.बी) प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया था। हालांकि इसके बाद प्याज के निर्यात में कुछ कमी आई, फिर भी निर्यात अभी भी जारी था। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से घरेलू उपलब्धता और प्याज की कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है।
केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे स्टॉक सीमा को सख्ती से लागू करें और छापेमारी आदि के जरिए बेईमान व्यापारियों के खिलाफ जमाखोरी विरोधी कार्रवाई करें।
रबी 2019 सत्र के दौरान नाफेड के माध्यम से सरकार द्वारा लगभग 56,700 मीट्रिक टन का केंद्रीय बफर बनाया गया था। इस बफर स्टॉक का उपयोग 23.90 प्रति किलो की दर पर दिल्ली को आपूर्ति के लिए किया जा रहा है। हरियाणा और आंध्र प्रदेश को भी बफर से आपूर्ति की जा रही है। अन्य राज्यों को भी इस बफर का उपयोग और इसके लिये उपभोक्ता मामलों के विभाग और / या नाफेड को अपनी माँग इंगित करने के लिए कहा गया है।
बांग्लादेश और श्रीलंका को न्यूनतम निर्यात मूल्य से नीचे के कथित निर्यात को तुरंत रोक दिया जाएगा और जो केंद्र सरकार के इस निर्णय का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई आरम्भ की जाएगी।
ज्ञात हो कि 24 सितंबर को केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा था कि सरकार प्याज की कीमतों में कमी लाने की पूरी कोशिश कर रही है। फिलहाल इसका 50 हजार टन का बफर स्टॉक मौजूद है, जिससे मंडियों में आवक को बढ़ाया जा रहा है। देश के कई शहरों में प्याज का फुटकर भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गया है। ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भण्डारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है।
वहीं 25 सितंबर को जारी किए उपभोक्ता मामले मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में खुदरा प्याज की कीमत 60 रुपये किलो है। मुंबई में यह 58 रुपये किलो और चेन्नई में 42 रुपये किलो बेचा जा रहा है। कानपुर में, प्याज की कीमत 70 रुपये किलो और पोर्ट ब्लेयर में 80 रुपये किलो है।
हालांकि, व्यापारिक आँकड़ों के हिसाब से प्याज की गुणवत्ता और उसके उत्पादन के स्थान के आधार पर, देश के अधिकांश हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में चल रही हैं। महाराष्ट्र जैसे बाढ़ प्रभावित उत्पादक राज्यों से आपूर्ति बाधित होने से पिछले एक महीने से प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।