प्याज, दालों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर केंद्र सरकार की रहेगी पैनी नजर: रामविलास पासवान

Ram Vilas Paswan Cabinet Minister of Consumer Affairs, Food and Public Distribution Government of India


प्याज, दालों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर केंद्र सरकार की रहेगी पैनी नजर: रामविलास पासवान


-केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के जरिए पूरे देश से 22 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों के आँकड़े जुटाती है। इनमें आटा, दाल, चावल, घी, तेल, आलू, टमाटर, प्याज और चीनी शामिल है।
-आवश्यक खाद्य वस्तुओं के आँकड़े जुटाने के लिए पूरे देश में 109 केंद्र हैं। इनमें दिल्ली सहित लगभग सभी प्रदेश और केंद्र शासित राज्यों के प्रमुख शहर और मंडियाँ शामिल हैं।


नई दिल्ली। प्याज, दालों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर केंद्र सरकार की पैनी नजर रहेगी। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार, 6 सितंबर 2019 को यह जानकारी दी।
श्री पासवान ने कहा कि खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय एक मोबाइल ऐप तैयार करा रहा है। इसके जरिए आवश्वयक वस्तुओं की कीमतों के बारे में सीधी जानकारी मिल सकेगी। साथ ही लोग आलू, प्याज, दाल, चीनी और तेल की बढ़ती कीमतों के बारे में सीधे शिकायत कर सकते हैं।
दरअसल, इन वस्तुओं की कीमतों को लेकर सरकारी आँकड़े और बाजार कीमत में काफी फर्क होता है। कई बार पता चलता है कि बाजार में किसी चीज के दाम काफी अधिक होते हैं, जबकि मूल्य निगरानी सेल देश भर से जो आँकड़े जमा करती है उनमें दाम कम होता है। इसलिए, मंत्रालय अब उनके डाटा की तीसरे पक्ष से मूल्याँकन कराने की तैयारी कर रहा है। साथ ही राज्यों से कहा है कि वह भी इन आंकड़ों की नियमित समीक्षा करे।
रामविलास पासवान ने कहा कि प्याज और दालों की कीमतों पर अंकुश लगाने के उपायों के साथ केंद्र आवश्यक खाद्य वस्तुओं के मूल्यों पर नजर रखने के तरीके भी बदलने की तैयारी में है। अब सिर्फ फाइलों के आकंड़ों पर भरोसा नहीं किया जाएगा। सरकार अब सीधे उपभोक्ताओं से जानकारी लेने के साथ सरकारी डाटा का तीसरे पक्ष से मूल्याँकन कराएगी, ताकि दाम बढ़ते ही जानकारी मिल सके। 
बैठक में उठा था मुद्दा
तीन दिन पहले हुई राज्यों के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। इसमें गंभीरता के साथ विचार किया गया कि आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता और मूल्य रुझानों की निगारी के लिए जिलों में जिला आयुक्त, कस्बों में नगरपालिका आयुक्त जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को केंद्रीय बिंदु के तौर पर नामित किया जाए। इससे कीमतों को लेकर अधिक सटीक आँकड़े मिल सकेंगे। इसके साथ सप्ताह में सभी सातों दिन आवश्यक वस्तुओं के आँकड़े उपलब्ध होने चाहिए।