तीसरे भारत कृषि आउटलुक फोरम 2019 की बैठक प्रारंभ
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान योजना ने देश के प्रत्येक किसान को न केवल आय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, बल्कि प्रत्येक किसान को विश्वास प्रदान किया है। संजय अग्रवाल, सचिव, कृषि और किसान कल्याण विभाग, भारत शासन ने गुरुवार, 26 सितम्बर 2019 को यहाँ तीसरे 'इंडिया एग्रीकल्चर आऊटलुक फोरम' की बैठक को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना में 8.5 करोड़ किसानों ने पंजीकरण कराया है और पहली किश्त में ही लगभग 6.5 करोड़ किसानों को 3.5 बिलियन डॉलर की राशि अंतरित की गई है। आय सहायता योजना ने किसानों की मदद की है, क्योंकि प्रारंभिक किश्त में लगभग 1.1 मिलियन किसानों के खाते में पाँच सौ रुपये से कम की राशि थी और प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से जमा कराई गई 2,000 रुपये की राशि की पहले दिन ही निकासी की गई।
बैठक में आए विश्व संगठनों और विदेशी प्रतिनिधियों को योजना की जानकारी देते हुए कृषि और किसान कल्याण सचिव ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा लाभार्थियों की पहचान की जा रही है और यह सौ प्रतिशत केन्द्र प्रायोजित योजना है। इसके तहत छोटे और मझौले किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये का आय समर्थन दिया जा रहा है।
कृषि और किसान कल्याण सचिव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ठोस प्रयासों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा की समस्या का समाधान किया गया है और पिछले तीन-चार वर्षों में विभिन्न कदमों के माध्यम से दालों की कमी दूर की गई है। किसानों को सही समय पर सही सूचना देकर यह लक्ष्य प्राप्त किए गए हैं। 2018-19 में उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। सरकार ने पौष्टिकता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से दालों का वितरण किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दूर-संवेदी चित्रों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, दावों के निपटान में समय के अंतराल को कम करने के लिए मॉडलिंग उपकरण जैसे टेक्नोलॉजी के उपयोग की परिकल्पना की गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वार्षिक रूप से 3.5 बिलियन डॉलर की है और इसके अंतर्गत 2 करोड़ किसान शामिल किए गए हैं।
जल प्रबंधन के बारे में श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री ने चार हजार अधिकारियों को जिलों और गाँव स्तर पर पहुँचने और जल संरक्षण तथा जल प्रबंधन तकनीकों के महत्व के बारे में नागरिकों को जागरूक बनाने का कार्य सौंपा है।
कृषि बाजार सुधारों पर मंत्रालय की फोकस की चर्चा करते हुए कृषि और किसान कल्याण सचिव ने कहा कि आदर्श एपीएलएम अधिनियम के माध्यम से बड़ी संख्या में सुधार किए गए हैं। इनमें निजी मंडियाँ बनाना शामिल हैं। साथ-साथ भण्डारण घर भी बनाए जा सकते हैं। ई-नैम की स्थापना की गई है, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य सुनिश्चित हुआ है। तमिलनाडु राज्य देश का पहला राज्य है, जिसने संविदा कृषि अधिनियम अपनाया है। इससे पहले पंजाब ने इस अधिनियम को अपनाया था।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि सार्थक परिवर्तनों के लिए देश में माहौल अनुकूल है, क्योंकि वैज्ञानिकों/ शोधकर्ताओं द्वारा की गई सिफारिशों पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है और उन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवसर का उचित तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र काफी अधिक वाणिज्यीकरण की स्थिति में पहुँच गया है। इसलिए एक परिदृश्य व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान किया जा सके और सही रणनीति तय की जा सके
प्रधानमंत्री किसान योजना ने देश के किसानों को मान्यता और विश्वास प्रदान किया है: कृषि सचिव