पशुपालन क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी, नया निवेश लाने के लिए सरकार उठाएगी कदम: गिरिराज सिंह

Central Dairy, Animal Husbandary Minister Shandilya Giriraj Singh with State Minister Sanjeev Balyan talking briefing to media person on 4 September 2019 in New Delhi


पशुपालन क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी, नया निवेश लाने के लिए सरकार उठाएगी कदम: गिरिराज सिंह


नई दिल्ली। सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस 'उपेक्षित' माने जाने वाले क्षेत्र में प्रौद्योगिकी एवं निवेश लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार, 4 सितंबर 2019 को यह जानकारी दी।
आवारा पशुओं के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार इस मुद्दे से निपटने के तरीके खोज रही है और अगले छह महीनों के भीतर कोई व्यवस्था कायम करने की उम्मीद है। उन्होंने यहाँ संवाददाताओं से कहा, ''पशुपालन एक उपेक्षित क्षेत्र बना हुआ है। देश की आजादी के बाद इस क्षेत्र को उचित महत्व नहीं दिया गया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अलग मंत्रालय बनाया है, इसलिए हम इस क्षेत्र को व्यवसायिक बनाने के लिए कदम उठाएंगे। उत्पादकता और विकास गति को बढ़ाने के लिए निवेश आकर्षित करेंगे।'' उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों को लेकर उत्पादकता में काफी वृद्धि की जा सकती है। इससे यह निजी निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बन सकता है। उन्होंने कहा, ''हम रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए पशुपालन क्षेत्र को बाजार से संबद्ध करेंगे।''
पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार अधिक मादा बछड़ों का जन्म सुनिश्चित करने के लिए वीर्य की छंटाई करने की तकनीक की शुरुआत कर रही है। शुरुआत में हमारा लक्ष्य वार्षिक 30 लाख ऐसी खुराक देने का है। उन्होंने कहा कि लागत कम करने के लिए इस तकनीक को स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) जैसी अन्य तकनीकों का भी उपयोग किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार देसी नस्ल के मवेशियों के संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।


Central Dairy, Animal Husbandary Minister Shandilya Giriraj Singh with State Minister Sanjeev Balyan talking briefing to media person on 4 September 2019 in New Delhi


उन्होंने कहा कि 2.8 करोड़ मवेशियों पर टैगिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
आवारा पशुओं के मुद्दे से निपटने के लिए, श्री सिंह ने कहा, ''मैं अगले 4-6 महीनों में कुछ मॉडल विकसित करने की कोशिश कर रहा हूं।'' अधिक विवरण दिये बगैर उन्होंने कहा कि यह मॉडल प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा और कृषि से संबद्ध होगा। उन्होंने कहा कि शून्य बजट खेती को बढ़ावा देने के लिए गुजरात के आणंद जिले में एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई है और इसकी सफलता के आधार पर इसे पूरे राज्य में और फिर पूरे देश में दोहराया जाएगा।
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव बाल्यान ने इस क्षेत्र में निवेश और विकास को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल की आवश्यकता पर जोर दिया।