पंजाब में धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू
1,734 खरीद केंद्र स्थापित
राज्य की पनग्रेेन, मार्कफैड, पनसप और पंजाब स्टेट वेयरहाऊसिंग कोऑपरेशन खरीदी करेंगी
केंद्र की एफ.सी.आई. एजेंसी खरीदी करेंगी
मंडियों में 165 लाख मीट्रिक टन धान आने की उम्मीद
चंडीगढ़। पंजाब सरकार किसानों से धान का एक-एक दाना खरीदेगी। एक अक्टूबर से शुरू होने वाली खरीदी के लिए सरकार ने सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। राज्य सरकार के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने सोमवार, 30 सितम्बर 2019 को यह जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध है और एक अक्टूबर से शुरू होने वाली धान की सरकारी खरीद के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं।
उन्होंने बताया की धान खरीद को सुचारू ढंग से चलाने के लिए राज्य भर में 1,734 खरीद केंद्र स्थापित किये गए हैं। राज्य की सरकारी खरीद एजेंसियाँ पनग्रेेन, मार्कफैड, पनसप और पंजाब स्टेट वेयरहाऊसिंग कोऑपरेशन और केंद्र की एफ.सी.आई. एजेंसी खरीदी करेंगी। इनके मध्य इन केन्द्रों को बांट दिया गया है। उन्होंने कहा की बीते दिनों जारी की गई धान सम्बन्धी योजना के अधीन बहुत से नए कदम उठाए गए हैं जिनके अंतर्गत जी.पी.एस. मैपिंग का प्रयोग करते हुए मंडियों को मिलों के साथ जोड़ा गया है जिससे कोई अतिरिक्त भाड़ा न वसूल सके और गड़बडिय़ों को रोका जा सके।
उन्होंने बताया की कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार खरीफ की फसल के सत्र के दौरान राज्य में 29.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर धान की फसल बोवनी गई है और इस बार मंडियों में 165 लाख मीट्रिक टन धान आने की उम्मीद है।
मंत्री ने बताया की कृषि विभाग से प्राप्त लक्ष्यों के विरुद्ध खाद्य और सिविल आपूर्ति विभाग द्वारा 170 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया की धान की परेशानी मुक्त और निर्विघ्न खरीद के साथ-साथ तुरंत अदायगी यकीनी बनाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किये गए हैं। अधिकारियों से कहा गया है कि अपेक्षित कैश क्रेडिट सीमा (सी.सी.एल.) का प्रबंध मंडी में धान की आमद से पहले कर लिया जायेगा।
उन्होंने कहा की किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक नया पोर्टल शुरू किया गया है जिसमें मिलरों की पंजीयन और उनको अलॉटमैंट की जाती है। इसके अलावा धान के जारी आदेश और अदायगी सम्बन्धी आवेदन ऑनलाइन प्राप्त किए जाएंगे और जारी आदेश भी ऑनलाइन ही जारी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के चावल को खुले बाजार में जाने से रोकने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में दंडात्मक प्रावधानों को नीति में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा की मंडियों में शिकायत निवारण करने समितियों का गठन कर दिया गया है और साथ ही 24 घंटे बिजली की आपूर्ति भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा तय मापदण्डों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करेंगी। उन्होंने बताया की केंद्र सरकार द्वारा ग्रेड-ए के धान के लिए 1,835 रुपये और सामान्य किस्मों के लिए 1,815 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है।
गौरतलब है की धान के पिछले सत्र के दौरान 170.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था जिसमें से 169.10 लाख मीट्रिक टन सरकारी एजेंसियों द्वारा और 1.08 लाख मीट्रिक टन धान की फसल व्यापारियों और मिलर्स द्वारा खरीदा गया था।
श्री आशु ने किसानों से अपील की है कि वह परेशानी से बचने के लिए मंडियों में धान की फसल सूखा कर लाएं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा फसल में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत तय की गई है।