किसानों को अब नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील कार्यालय के चक्कर: गोविंद राजपूत

Govind Singh Rajput Revenue Minister MP Government


किसानों को अब नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील कार्यालय के चक्कर: गोविंद राजपूत
प्रदेश के 21 जिलों में घर बैठे भू-अभिलेख प्राप्त कर सकेंगे किसान
भोपाल। किसानों को भू-अभिलेख प्रतिलिपियाँ लेने के लिए किसी कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बुधवार, 11 सितंबर 2019 को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि किसानों को तकलीफों से बचाने के लिये यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए वचनबद्ध है। श्री राजपूत ने कहा कि राज्य शासन ने किसानों के लिए आज से शहडोल, सीधी, मंदसौर, रतलाम, देवास, धार, अनूपपुर, अशोकनगर, आगर-मालवा, श्योपुर, उमरिया, नीमच, निवाड़ी और कटनी में वेब जीआईएस साफ्टवेयर से भू-अभिलेख प्रतिलिपि प्रदाय करने का कार्य शुरू किया। 
प्रतिलिपि प्रदाय की दरों का सरलीकरण
21 जिलों के लोक सेवा केन्द्रों पर आज 11 सितंबर से डिजिटल हस्ताक्षरित भू-अभिलेख की प्रतिलिपियाँ (बंधक, दर्ज खसरा, व्यपवर्तन प्रमाण पत्र) मिलना शुरू हो गया है। आम जन प्रतिलिपियाँ प्राप्त करने के लिये ऑनलाईन आवेदन कर घर बैठे प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को अब तहसील कार्यालय में आकर बंधक दर्ज कराने की जरूरत नहीं है। भू-अभिलेख प्रतिलिपि के लिये आवेदन नि:शुल्क रहेगा। राज्य शासन ने 1 अगस्त 2019 से प्रतिलिपि प्रदाय की दरों का सरलीकरण भी कर दिया है। अब एक साला और पाँच साला खसरा या खाता जमाबेंदी, अदिकार अभिलेख, खेवट, उचित-उल-अर्ज, निस्तार पत्रक और ए4 आकार में नक्शे की प्रति के पहले पृष्ठ के लिये 30-30 रुपये और अतिरिक्त पृष्ठ के लिये 15-15 रुपये का शुल्क देना होगा। संबंधित कलेक्टरों से कलेक्टर, तहसील और नकल वितरण केन्द्रों में संशोधित दर का भरपूर प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है।
बैंको को दिया गया लॉग-इन
खसरे में बंधक दर्ज करने के लिये वेब-जीआईएस सॉफ्टवेयर में लॉग-इन सुविधा सभी बैंको को दे दी गई है। इससे भूमि-स्वामी को तहसील कार्यालय जाकर बंधक दर्ज कराने के लिये आवेदन देने की जरूरत नहीं रहेगी। नामांतरण, बंटवारा और बंधक के आदेश को खसरे में अमल कर भूमि-स्वामी को तत्काल प्रदाय किया जा सकेगा। कलेक्टरों को व्यपवर्तन और राजस्व भुगतान के प्रति भी लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये गये है।