खुदरा स्तर पर चाय प्रमाणन में उतरेगी ट्रस्टी

खुदरा स्तर पर चाय प्रमाणन में उतरेगी ट्रस्टी
कोलकाता, मंगलवार, 10 सितंबर 2019। ट्रस्टी उपभोक्ताओं को बेची जाने वाली चाय का प्रमाणन गुणवत्ता के आधार पर करने पर विचार कर रही है। इन दिनों ग्राहक गुणवत्ता एवं संसाधनों के पुख्ता स्रोत पर खासा जोर दे रहे हैं, इस वजह से ट्रस्टी इस दिशा में आगे कदम बढ़ाना चाहती है। ट्रस्टी एक संधारणीय प्रमाणन कार्यक्रम है, जिसके लिए टाटा बेवरिजेज, हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) और अन्य कंपनियाँ धन उपलब्ध करा रही हैं। इस समय इसका परिचालन केवल बल्क टी लेवल (जब पैकेट तैयार करने वाले और ब्लेंडर्स चाय बागान मालिक या चाय नीलामी से सीधे चाय खरीदते हैं) तक ही सीमित है। 
ट्रस्टी को लगता है कि इस पहल के जरिये वह चाय क्षेत्र को गुणवत्ता बरकरार रखने में मदद करेगा, साथ इससे उसे स्वयं के लिए भी राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी। अपने दम पर राजस्व जुटाने से ट्रस्टी को अनुदान, खासकर संस्थापक कंपनियों से मिलने वाली रकम पर निर्भर नहीं रहना होगा। ट्रस्टी की शुरुआत एक प्रमाणन संस्था के तौर पर हुई थी और अब यह एक गैर-लाभकारी कंपनी में परिवर्तन हो रही है। ऐसे में इसे रकम की जरूरत होगी। 
ट्रस्टी के निदेशक राजेश भुइयां ने कहा, '2020 तक हम अपना प्रमाणन कार्यक्रम खुदरा स्तर पर शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं। घरेलू बाजार पर अधिक जोर होगा। इस नई पहल से हमें नकदी भी हासिल होगी, जिससे हमें अपनी नई कंपनी का परिचालन करने में मदद मिलेगी। इससे अनुदानों पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी।' हालांकि ट्रस्टी जितनी मात्रा के लिए चाय का प्रमाणन करती थी, उसमें पिछले कुछ वर्षों से गिरावट आ रही है। वर्ष 2016 में इसने 20.4 करोड़ किलोग्राम चाय को गुणवत्ता का प्रमाण दिया था, लेकिन यह मात्रा 2017 में कम होकर 13.7 करोड़ किलोग्राम रह गई। 2018 में इसने केवल 9.9 करोड़ किलोग्राम चाय की मात्रा की गुणवत्ता की पुष्टि की गई थी