केंद्र सरकार लघु और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है: कृषि मंत्री श्री तोमर
'सीएचसी-फार्म मशीनरी' मोबाइल एप से घर बैठे बुला सकेंगे किराए पर ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्र
1,23,159 से अधिक कृषि यंत्रों और उपकरणों को किराए पर देने के लिए 40,788 कस्टम हायरिंग सेंटर पंजीकृत
किसानों को वितरित किए जा रहे हैं 'जियो-टैग' मिनी किट
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार लघु और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दो मोबाईल एप 'सीएचसी-फार्म मशीनरी' और 'कृषि किसान' की प्रस्तुति के अवसर पर मंगलवार, 24 सितंबर 2019 को यह बात कही। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और कृषि सचिव संजय अग्रवाल भी उपस्थित थे।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश भर के किसान अब 'सीएचसी-फार्म मशीनरी' मोबाइल एप के माध्यम से ट्रैक्टर और अन्य कृषि यंत्रों को किराए पर ले सकते हैं। श्री तोमर ने किसानों को नई कृषि तकनीकों के खेत पर प्रदर्शन, बीज केन्द्र और मौसम परामर्श का लाभ उठाने में मदद उपलब्ध कराने के लिए एक और मोबाइल एप 'कृषि किसान' भी प्रस्तुत किया।
कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा, ''जिस तरह से आप एप का उपयोग करके ओला या उबर कैब बुक करते हैं, हमने उसी तरह से कृषि यंत्रों को किराये पर लेने के लिए एक समान एप लाने का निर्णय किया है। आज इस ऐप का पूरी तरह से आम जनता/ किसानों के लिए लोकार्पण किया जा रहा है। इस ऐप के माध्यम से किसान, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसान की आसानी से उच्च मूल्य व तकनीक वाले कृषि यंत्रों तक पहुँच सम्भव होगी और इन कृषि यंत्रों के प्रयोग से सभी प्रकार के आदानों (इनपुट्स) के अधिकतम उपयोग के साथ-साथ न केवल किसानों की आय में भी वृद्धि होगी वरन कम समय सीमा में अधिक से अधिक जोतों तक मशीनीकरण की पहुँच बनाना भी संभव होगा।''
श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने सभी कृषि मशीनरी कस्टम सेवा प्रदाताओं और किसानों/ उपयोगकर्ताओं को एक साझा मंच पर लाने के लिए एक एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म के अनुकूल, बहुभाषी मोबाइल ऐप 'सीएचसी-फार्म मशीनरी' विकसित किया है जिसके माध्यम से विभिन्न राज्यों के स्थानीय किसान फार्म मशीनरी बैंक/ कस्टम हायरिंग सेंटर जैसे सभी कस्टम सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का उपयोग बिना किसी कंप्यूटर सपोर्ट प्रणाली के कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक इस मोबाइल एप पर 1,23,159 से अधिक कृषि यंत्रों और उपकरणों को किराए पर देने के लिए 40,788 कस्टम हायरिंग सेंटर पंजीकृत किए गए हैं। इस एप को ''क्रांतिकारी सेवा'' बताते हुए, मंत्री श्री तोमर ने कहा, एप के माध्यम से किसान यह जान सकते हैं कि उनके खेत के पास कौन से मशीन किराया पर देने वाला केन्द्र उपलब्ध हैं, वे मशीनरी का फोटो देख सकते हैं, कीमत के बारे में मोल भाव कर आदेश दे सकते हैं। यह मोबाइल एप्लिकेशन पहले से ही कस्टम हायरिंग सेवा केंद्रों की तस्वीर/ भौगोलिक स्थिति को उसके भू-निर्देशांक की सटीकता के तथा उसमें उपलब्ध कृषि मशीनरी तस्वीरों को अपलोड करता है। यह एप 12 भाषाओं में उपलब्ध है। किसानों को 50 किलोमीटर के समीपवर्ती क्षेत्र के कस्टम हायरिंग सेंटर दिखाई देंगे।
कृषि मंत्रालय की सभी योजनाओं को जियो टैग करने की दृष्टि से 'कृषि किसान' एप का शुभारम्भ करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, योजनाओं की निगरानी करने में मदद मिलेगी तथा किसानों को समय-समय पर मौसम की भी जानकारी मिलती रहेगी।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'कृषि किसान' एप में, सरकार के पास जियो टैगयुक्त फसल प्रदर्शन करने वाले खेत और बीज केन्द्र हैं, जो न केवल उनके प्रदर्शन को दिखा सकता है बल्कि किसानों को उसका लाभ उठाने में मदद कर सकता है। अधिकारी ने कहा कि बीज के मिनी किट बीज की संख्या बढ़ाने के लिए किसानों को वितरित किए जा रहे हैं और अब जब वे 'जियो-टैग' हैं, जिससे सरकार यह पता लगा सकती है कि मिनी किट का उपयोग किया जा रहा है या नहीं।
इस ऐप के माध्यम से, सरकार प्रायोगिक आधार पर चार जिलों भोपाल (मध्य प्रदेश), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और नांदेड़ (महाराष्ट्र) में खेत स्तर पर मौसम के बारे में परामर्श देगी। ये दोनों मोबाइल एप नि:शुल्क हैं और इन्हें गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
ज्ञात हो कि भारत सरकार के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे कृषि यांत्रिकीकरण पर उप मिशन (एसएमएएम), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीव्हाय) और फसल अवशेष प्रबंधन योजनाओं के अंतर्गत लगभग 38,000 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर व हाई टेक कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किये जा चुके है।