राजनांदगाँव (छत्तीसगढ़)। जिले के वनांचल क्षेत्र के किसान औषधि गुणों से युक्त कोदो का मूल्य संवर्धन करेंगे। उप संचालक कृषि राजनांदगाँव, अश्वनी बंजारा ने शनिवार, 28 सितम्बर 2019 को यहाँ यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जिले के छुईखदान विकासखंड के वनांचल क्षेत्र ग्राम कोपरो में 'आत्मा' योजना के अंतर्गत गठित कोदो उत्पादक महिला कृषक समूह द्वारा कोदो-कुटकी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना जिला खनिज न्यास के सहयोग से की गई है। क्षेत्र में पूर्व से ही जैविक कोदो कुटकी का उत्पादन किया जा रहा है, जिसे वनांचल के आदिवासी बैगा कृषक बहुत ही कम मूल्य में स्थानीय बाजारों में व्यापारियों को बेच देते थे। इससे उन्हें आर्थिक रूप से अधिक लाभ नहीं होता था।
श्री बंजारा ने बताया कि कोदो-कुटकी प्रसंस्करण इकाई की स्थापना से वनांचल क्षेत्र किसानों की आमदनी बढ़ेगी। किसान समूहों एवं किसानों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने बताया कि कोदो-कुटकी में पाये जाने वाले पोषक तत्व एवं औषधि गुण के कारण वर्तमान में काफी माँग है। कोदो-कुटकी मधुमेह, रक्त चाप और कुपोषण दूर करने में फायदेमंद है। निकट भविष्य में जिले के लोगों को कोदो चावल एवं उनसे निॢमत खाद्य पदार्थों के स्वाद लेने का मौका मिलेगा। वनांचल क्षेत्र के कोदो उत्पाद किसानों की आय में वृद्धि होगी।
उप संचालक कृषि ने बताया कि किसानों को उन्नत तकनीक से कोदो की खेती करने के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया है।
जिले के वनांचल क्षेत्र के किसान करेंगे औषधि गुणों से युक्त कोदो का मूल्य संवर्धन: उप संचालक कृषि