इस साल मॉनसून की वापसी में भी देरी

इस साल मॉनसून की वापसी में भी देरी
नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी में एक बार फिर देर हो रही है और अब इस बात की पूरी संभावना है कि राजस्थान के पश्चिमी भाग से बारिश के लौटने की शुरुआत सितंबर मध्य से हो सकती है। मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार, 10 सितंबर 2019 को यह जानकारी दी है। सामान्य रूप में राजस्थान के पश्चिमी भाग से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी 1 सितंबर को शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन बारिश में कोई कमी नहीं आ रही है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों की तरह 2019 में भी मॉनसून लौटने की प्रक्रिया सितंबर मध्य के बाद शुरू होगी।
भारतीय मौसम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इसकी पूरी संभावना नजर आ रही है कि बारिश की वापसी इस महीने के पहले पखवाड़े के बाद हो। मॉनसून की वापसी में देरी होने से जमीन में अधिक नमी बनी रहेगी। यह रबी की जल्दी बुआई के लिए फायदेमंद साबित होगा। इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत देर से हुई और यह जून के मध्य तक सामान्य से 33 प्रतिशत तक कम रही थी जिसके बाद इसमें अच्छी प्रगति देखी गई। इससे व्यापक रूप में बारिश की कमी की भरपाई हुई। सोमवार तक के आँकड़ों के अनुसार देश में 792 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से तीन प्रतिशत अधिक है।
पिछले पाँच वर्ष के दौरान सबसे खराब प्रदर्शन के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने सितंबर के पहले हफ्ते तक 2014 के बाद से सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। बारिश में इजाफे से न केवल सूखे की आशंका खत्म हुई है, बल्कि खरीफ फसलों की बुआई को भी बढ़ावा मिला है जो जून के अंत तक सामान्य से करीब 25 प्रतिशत कम रही थी। अब तक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 36 मौसम संबंधी उपखंडों में से 28 उपखंडों में सामान्य से अधिक सक्रिय रहा और केवल आठ उपखंडों में ही यह कमजोर पड़ा। 6 सितंबर, 2019 तक खरीफ फसलों की बुआई का क्षेत्रफल करीब 10.294 करोड़ हेक्टेयर रहा जो पिछले पाँच वर्ष के दौरान औसत बुआई क्षेत्रफल से 7 लाख हेक्टेयर अधिक है लेकिन यह पिछले वर्ष (2018) की समान अवधि से करीब 6 लाख हेक्टेयर कम है।
इस बीच पश्चिम और मध्य भारत के कई हिस्सों में हो रही भारी बारिश अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि 13 सिंतबर तक पश्चिम और पूर्वी मध्य प्रदेश तथा गुजरात में भारी बारिश के साथ ही बड़े भू-भाग पर बारिश जारी रहने की संभावना है। इससे कुल बारिश में और अधिक सुधार होगा। मौसम विभाग ने 2019 के लिए अगस्त में जारी अपने दूसरे चरण के पूर्वानुमान में कहा था कि अगस्त और सितंबर में बारिश दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 100 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दक्षिण पश्चिम-मॉनसून सत्र के पिछले दो महीनों का एलपीए (अगस्त-सितंबर) 42.83 सेंटीमीटर है जो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सत्र के जून से सितंबर तक के दौरान हुई कुल बारिश (अनुमानित 89 सेंटीमीटर) का 49 प्रतिशत है। अगस्त के लिए मौसम विभाग ने कहा था कि बारिश एलपीए का 99 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने पूरे सत्र (जून से सितंबर) के मॉनसून पूर्वानुमान को भी एलपीए के 96 प्रतिशत पर कायम रखा जो कि सामान्य बारिश होती है।