छत्तीसगढ़ में रबी फसलों के विस्तार की पर्याप्त संभावनाएं हैं: कृषि मंत्री श्री चौबे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में रबी फसलों के विस्तार की पर्याप्त संभावनाएं हैं। छत्तीसगढ़ के कृषि, पशुपालन और जल संसाधन मंत्री रवीन्द्र चौबे ने शुक्रवार, 13 सितंबर 2019 को यहाँ अटल नगर नवा रायपुर स्थित शिवनाथ भवन में विभागीय कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान यह बात कही। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि के.डी.पी. राव, सचिव कृषि हेमंत कुमार पहारे, संयुक्त सचिव व संचालक कृषि टामन सिंह सोनवानी, संयुक्त सचिव कृषि के.सी. पैकरा, अपर संचालक एम.एस. केरकेट्टा, संचालनालय कृषि के वरिष्ठ अधिकारी सहित समस्त संभागीय कार्यालय के संयुक्त संचालक और जिला प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे।
श्री चौबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में रबी फसलों के विस्तार की पर्याप्त संभावनाएं हैं। रबी फसलों के क्षेत्राच्छादन को बढ़ाने के लिए ठोस रणनीति बनाकर मैदानी अमले के सहयोग से किसानों को आवश्यक मार्गदर्शन एवं कृषि आदान उपलब्ध कराया जाए। गर्मी के मौसम में धान की खेती से भू-जल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है, इसके लिए अधिक से अधिक किसानों को रबी फसल के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
कृषि मंत्री ने कहा कि रबी फसलों में गेहूँ, चना, दलहन और तिलहन का क्षेत्रफल बढ़ाने की जरूरत है। कृषि विभाग के अधिकारी जांजगीर-चांपा, रायगढ़, दुर्ग, राजनांदगाँव और धमतरी जिले में एक गाँव या एक विकासखंड का चयन कर वहाँ प्रायोगिक परियोजना के रूप में रबी फसलों के लिए विशेष अभियान चलाएं।
श्री चौबे ने कहा कि प्रदेश में अमानक उर्वरक बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अमानक खाद से किसानों को फसल का नुकसान के रूप में उठाना पड़ता है। इसलिए अमानक खादों की बिक्री पर अनिवार्य रूप से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अमानक खाद की बिक्री रोकने में लापरवाही पाए जाने पर अधिकारी के विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की गतिविधियों से ग्रामीणों और किसानों को जोडऩे के लिए सभी जिलों में किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए आत्मा योजना के तहत प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जाए। इनमें किसानों को खेती-किसानी से जुड़े शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि टारगेटिंग राईस फेलो एरिया योजना के लिए चयनित जिलों में रबी फसल का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए और अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने के साथ ही उन्हें प्रमाणित बीजों एवं कृषि आदान सामग्री उपलब्ध करायी जाए।
कृषि मंत्री ने राज्य में नए बीज प्रसंस्करण केन्द्र खोलने तथा बीज उत्पादन केन्द्रों को आधुनिक और बेहतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा राज्य में बीज केन्द्र खोलने के प्रस्ताव पर आवश्यक कार्यवाही करने कहा। उन्होंने प्रमाणित बीजों के उत्पादन के लिए किसानों को जोडऩे तथा बीज निगम और कृषि विश्वविद्यालय संस्था से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ दिलाने कहा।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि प्रदेश में जहाँ-जहाँ अकाल की संभावना दिख रही है, वहाँ पर प्राथमिकता के साथ किसानों को फसल बीमा का लाभ दिया जाए। उन्होंने फसल बीमा की दावा आपत्ति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वर्तमान में धान की खरीदी मूल्य में वृद्धि से बीमीत किसानों संख्या बढ़ी है। इन किसानों की जानकारी फार्मर पोर्टल में दर्ज किया जाए। साथ ही किसानों के लिए डिजिटल परिचय पत्र बनाने के लिए कार्य योजना बनाने को कहा। इस डिजिटल परिचय पत्र में किसानों की सम्पूर्ण जानकारी तथा आवश्यक दस्तावेज डिजिटल फार्म में होंगे।
समीक्षा बैठक में वर्षा की स्थिति, स्वायल हेल्थ कार्ड, धान-बोता एवं रोपा की प्रगति, बीज भण्डारण एवं वितरण की प्रगति, सुराजी योजना के तहत घुरवा योजना सहित विभाग की अन्य विषयों पर चर्चा की गई।