बिहार में जल संरक्षण के लिए छोटी नदियों पर बनेंगे चेक डैम

Check Dam at Kudumboor across chandragiri River


बिहार में जल संरक्षण के लिए छोटी नदियों पर बनेंगे चेक डैम
पटना, शनिवार, 7 सितंबर 2019। बिहार में इस वर्ष कम बारिश होने के कारण राज्य में भू-गर्भ जल और बारिश के पानी को बचाने की कवायद तेज हो गई है। अब राज्य की सभी प्रमुख छोटी नदियों पर 'चेक डैम और वीयर' आदि जल संरचनाएं बनायी जाएंगी। खासकर पहाड़ी-पठारी क्षेत्रों में नदी-झरनों, नालों आदि पर ऐसी संरचनाएं बनाने पर जोर है। ऐसा 'जल जीवन हरियाली अभियान' के तहत किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार जल संरक्षण के लिए सबसे पहले ऐसी संरचनाएं बनाए जाने वाले स्थलों की पहचान होगी। फिर उनकी तकनीकी संभाव्यता, उपयोगिता की जाँच की जाएगी। कहाँ-कहाँ ये निर्माण होंगे? उसका क्या लाभ होगा सारी संभावनाओं व पहलुओं के मद्देनजर निर्माण की कार्ययोजना बनेगी। कार्य योजना में ही वीयर के डिजायन व निर्माण का एस्टीमेट (प्राक्कलन) भी शामिल रहेगा। वन क्षेत्रों के लिए वन प्रमंडल पदाधिकारी कार्य योजना बनाएंगे और कार्यान्यवन वन पर्यावण व जलवायु परिवर्तन विभाग करेगा। समतल क्षेत्रों में यह काम लघु जल संसाधन, कृषि व ग्रामीण विकास विभाग (मनरेगा) द्वारा किया जाएगा।
सारा काम ग्रामीण विकास विभाग की देखरेख में चलेगा जो इन कार्यों के लिए नोडल विभाग है। वैसे इस काम में जल संसाधन विभाग, कृषि, मनरेगा, पंचायती राज, लघु जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग सहयोग करेंगे। जिलों में उपलब्ध सर्वे मानचित्र व गूगल मैप के सहारे सभी जल संरचनाओं की पहचान की जाएगी। इस काम के लिए जिलों में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष डीडीसी रहेंगे। आठ सदस्यीय समिति में सहायक व संरक्षक, पंचायती राज पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित विभागों के अफसर रहेंगे। इस समिति को 31 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी है। जबकि वीयर-चेक डैम आदि की डिजायन/ प्राक्कलन की रिपोर्ट 31 नवंबर तक सौंप दी जानी है। समिति यह देखेगी कि कहाँ-कहाँ ऐसी नदियों- नालों पर वीयर आदि बन सकते हैं।  
कार्ययोजना बनाने की हिदायत
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने सभी जिलाधिकारियों से जल संरचना निर्माण संबंधी कार्य योजना बनाने की हिदायत दी है। उन्होंने मनरेगा के अधिकारियों से विशेष ग्रामसभा बुलाकर कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया है। सारे संरचनाओं के निर्माण कार्य को अगले वर्ष 31 मई तक पूरा कर लेने का लष्य भी रखा गया है।